निदा खान के खिलाफ जो फतवा जारी |
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नई दिल्ली: यूपी के बरेली में तीन तलाक़, हलाला और बहुविवाह का विरोध करने वाली आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा ख़ान के खिलाफ दरगाह आला हज़रत के दारूल इफ्ता ने फतवा जारी किया है. फतवे के मुताबिक निदा खान की बयानबाज़ी को आलिमों ने ग़ैर इस्लामी क़रार दिया है. निदा खान विरुद्ध मानती हैं. फतवे का जवाब देते हुए निदा खान ने कहा है कि देश में लोकतंत्र है इसलिए यहां देश का कानून ही चलेगा.
निदा खान के खिलाफ जो फतवा जारी किया गया है उसके मुताबिक अगर वो बीमार पड़ जाएं तो कोई दवा ना दे. वो मर जाएं तो जनाजे पर कोई नमाज ना पढ़े, कब्रिस्तान में दफनाने पर रोक लगायी गई. यही नहीं अगर किसी मुसलमान ने उनसे मेलजोल रखा तो उसे इस्लाम से खारिज कर दिया जाएगा.
निदा खान ने कहा, ''मुझे इस्लाम से खारिज करने वाले वो होते कौन हैं, भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसमें एक साथ दो कोर्ट नहीं चल सकती है, रही शरीयत की बात तो शरीयत पहले वो अपने घर में जाकर लागू करें फिर लोगों पर लागू करें क्योंकि उनको बस शरीयत के नाम पर आवाम को भड़काना आता है, जो वो करते आए हैं.''
तीन तलाक का विरोध करने वाली निदा के खिलाफ जारी हुआ फतवा, |
आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान ने कहा कि पुरुष शरीयत का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. निदा खान ने कहा कि शरई अदालतों में औरतों को भी काजी बनाने की व्यवस्था की जाए. इस्लाम में एकतरफा फैसला गलत है, इस्लाम में औरतों के अधिकार छिपाए जाते हैं. इस मामले में मुफ्ती ने सवाल भी उठाए कि ससुर के साथ हलाला कैसे हुआ ? ससुर से हलाला होने को मुफ्ती ने बड़ा गुनाह बताया है, जिसके बाद महिला शौहर के साथ नहीं रह सकती.
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