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9 माह बाद भी नहीं मिल सकी सही जानकारी बाबूलाल मन की भूमिका संदिग्ध मामला रामपुर तहसील का
रामपुर बाघेलान- जिले की रामपुर बाघेलान में सूचना के अधिकार जिसे संविधान की धारा 19.1 के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है धारा 19.1 जिसके तहत प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है और उसे यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य कर रही है इसकी क्या भूमिका है
इसके क्या कारण हैं आज बातें सूचना के अधिकार के तहत प्रत्येक नागरिक को सरकार से और अन्य विभागों से प्रश्न पूछने का अधिकार देता है इसमें टिप्पणियां सारांश अथवा दस्तावेजों का अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां व सामग्री के प्रमाणित नमूनों की मांग की जा सकती है लेकिन रामपुर बाघेलान तहसील में इंफॉर्मेशन की इस महत्वाकांक्षी योजना के अधिकार का खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और लोगों के अधिकारों से खिलवाड़ किया जा रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार रामपुर बाघेलान तहसील में आरटीआई के तहत 27 नवंबर 2017 को द्वितीय अपील एसडीएम कार्यालय में की गई थी जिसमें आवेदक द्वारा रामपुर बाघेलान तहसील अंतर्गत आने वाले कल का तपा में 1 जनवरी 2014 से 18 अक्टूबर 2017 के बीच BPL की सूची में किन हितग्राहियों के नाम जोड़े और और उन में लगे पटवारी प्रतिवेदन की मूल प्रमाणित कॉपी की मांग की गई थी लेकिन इस संबंध में एसडीएम लीडर लालमन तिवारी बाबू आज तक सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराई और आवेदक कर्ता को आए दिन पेशियों की डेट बढ़ाता रहा जबकि इससे पूर्व में तहसीलदार के यहां जानकारी चाही गई थी जिसमें दी गई जानकारी चौंकाने वाली सामने आई जिसमें 3 वर्ष में महज 3 लोगों के BPL बनाने की बात की जानकारी दी गई थी.
जबकि वास्तविकता कुछ और है वही जनपद पंचायत रामपुर बघेलान द्वारा 1 वर्ष 2017 में ही 14 नामों को जोड़े जाने की जानकारी दी गई थी को बचाने में जुटे हुए हैं क्योंकि जिन लोगों को BPL सूची में जोड़ा गया है BPL के दायरे में आते हैं या नहीं जांच के बाद ही पता चल पाएगा साथ ही सारे मामले में पैसों का लेनदेन किया गया तत्कालीन पांडे के द्वारा तहसीलदार आरती पांडे को हटाने में पूरे रामपुर राजस्व विभाग को पसीना आ गया था वहीं से अटैच करने के 15 दिन के अंदर ही हल्का का प्रभाव सवालिया निशान खड़े कर दिया साथ ही द्वितीय अपील एसडीएम कार्यालय में की गई तिवारी द्वारा की जा रही जबकि आवेदक द्वारा बार-बार आवेदन किया जाता है कि अगर जानकारी उपलब्ध नहीं है तो कर दिया लेकिन हमेशा झूठी जानकारी देकर आपको परेशान किया जा रहा
गलत काम करने में माहिर
लालमन तिवारी रामपुर बाघेलान तहसील में SDM के रीडर के पद में ट्रांसफर शुदा बाबू लालमन तिवारी बहुत दिनों से अधिकारियों की चमचई करके कुर्सी में काबिज है जबकि लालमन तिवारी की पोस्टिंग कोटर तहसील में की गई है लेकिन यह बाबू अधिकारियों के लिए कमाई का जरिया बना हुआ है जिस कारण अधिकारी भी इसे हटाने में आनाकानी करते नजर आते हैं वही इस बाबू द्वारा अपराधियों को बिना अधिकारियों की उपस्थिति में जमानत दे देता है और अपराधियों से मनमौजी पैसा की वसूली करता है जिसके पुख्ता सबूत हैं जबकि भारत सरकार ने किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण के कार्य कार्यक्रम में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक प्राधिकरण को नियंत्रण के अंतर्गत सूचना तक पहुंच पाने है सूचना के अधिकार की व्यावहारिक व्यवस्थाओं को लिखित करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 बनाया है
गलत सूचना देने पर होगी हो सकती है कार्रवाई ।
आमतौर पर सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी 30 दिन के अंदर और सुरक्षा से संबंधित मामलों में 24 घंटे में थर्ड पार्टी प्राइवेट कंपनी के 45 दिन है जानकारी देने पर संबंधित विभाग के संबंधित अधिकारी पर ₹250 के हिसाब से 25000 तक जुर्माना हो सकता है
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