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भोपाल। आज जिला अदालत भोपाल में बिलखिरिया थाने के अपराध क्रमांक 34 /15 में अपर सत्र न्यायाधीश श्री रविंद्र कुमार भद्र सेन द्वारा धारा 302, 397, 34 भारतीय दंड विधान में निर्णय पारित किया गया है जिसमे हत्या के आरोपी को दोषमुक्त किया गया. यह मामला वर्ष 2015 में प्रस्तुत किया गया।
मामला वर्ष 2015 का है उक्त हत्या के मामले में आरोपी को पुलिस ने संदेह के दायरे में गिरफ्तार कर हत्या का मामले में पप्पू मेहताब अभियुक्त बनाया था एवं दो अन्य आरोपी शिवराज और राहुल को भी आरोपी बनाया था, उक्त प्रकरण के निराकरण में 3 वर्ष का समय लग गया. इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की मुख्य दलील यह दी थी कि मृतक प्रहलाद मीणा का मोबाइल मुख्य आरोप पप्पू मेहताब ने लूटकर मृतक कि मृत्यु की है
और उस मोबाइल में प्रयुक्त सिम पप्पू के भाई की थी जिसका उपयोग आरोपी पप्पू मेहताब करता था तत्कालीन थाना प्रभारी टी़ सप्रे द्वारा क्राइम ब्रांच एवं साइबर सेल की मदद से मृतक के मोबाइल में सिम की कॉल डिटेल निकलवा कर प्रस्तुत की थी जिस पर अभियोग पक्ष की दलील ना मानते हुए एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री अशोक विश्वकर्मा ने तर्क दिया कि थाना प्रभारी अथवा विवेचना अधिकारी प्रमाणित कर या सत्यापित करे
और अगर कोई विवेचक ऐसा करता है तो वह विधि अनुरूप बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री अशोक विश्वकर्मा द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सभी 34 अभियोजन साथियों का प्रति परीक्षण किया एवं 54 दस्तावेजो को पादृश कराया था वचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री अशोक के तर्को के आगे अभीयोजन की एक भी दलील न चली सकी और अपर सत्र न्यायाधीश श्री रविंद्र कुमार भद्र सेन ने आरोपियो निर्दोष पाते हुए सभी आरोपी दोष मुक्त कर दिया।
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