इंदौर . जिला एवं सत्र न्यायालय ने फर्जी अंकसूची के आधार पर संविदा शिक्षक की नियुक्ति पाने वाले 18 शिक्षकों को 4 साल के कारावास की सजा सुनाते हुए 2-2 हजार रुपये का अर्थदंड किया है। आरोपी शिक्षकों में 12 सांवेर के 4 देपालपुर और 2 हातोद क्षेत्र के है। फर्जी अंकसूची के आधार पर नियुक्ति के इस मामले की सुनवाई पिछले 5 सालों से इंदौर के जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही थी। जिस पर आज न्यायधीश ए.के. सिंह ने सभी आरोपी शिक्षकों को सजा सुनाई।
फर्जी अंकसूची के आधार पर नियुक्ति का यह मामला वर्ष 2007 का है। जिसमें व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने वर्ग 2 और 3 संविदा शिक्षकों की भर्ती के लिये 30 अगस्त 2007 में परीक्षा आयोजित की थी। संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिये आरोपियों ने फर्जी अंकसूची तैयार की थी। जिसके आधार पर सभी आरोपियों ने परीक्षा पास कर 10 सितंबर 2007 में जारी आदेश के आधार पर नियुक्ति भी पा ली थी। लेकिन जनपद पंचायत की सी ई ओं को शिक्षकों के इस फर्जीबाड़े की जानकारी लगते ही उन्होने सभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ देपालपुर पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने सभी आरोपी शिक्षकों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था। जिस पर न्यायाधीश ए.के. सिंह ने सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों पर 2-2 हजार के अर्थदंड के साथ 4 साल के लिये जेल भेज दिया है।
फर्जी अंकसूची के आधार पर नियुक्ति का यह मामला वर्ष 2007 का है। जिसमें व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने वर्ग 2 और 3 संविदा शिक्षकों की भर्ती के लिये 30 अगस्त 2007 में परीक्षा आयोजित की थी। संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिये आरोपियों ने फर्जी अंकसूची तैयार की थी। जिसके आधार पर सभी आरोपियों ने परीक्षा पास कर 10 सितंबर 2007 में जारी आदेश के आधार पर नियुक्ति भी पा ली थी। लेकिन जनपद पंचायत की सी ई ओं को शिक्षकों के इस फर्जीबाड़े की जानकारी लगते ही उन्होने सभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ देपालपुर पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने सभी आरोपी शिक्षकों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था। जिस पर न्यायाधीश ए.के. सिंह ने सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों पर 2-2 हजार के अर्थदंड के साथ 4 साल के लिये जेल भेज दिया है।
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