शहीद हुए हेमराज सिंह के परिवारवाले सरकार की अनदेखी से नाराज होकर भूखहड़ताल पर बैठ गए हैं। मथुरा के शेर नगर में हेमराज के परिवार के साथ ही गांववाले भी भूखहड़ताल पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि पाकिस्तान को भी उसकी ही जुबान में जवाब दिया जाए और सरकार शहीद हेमराज का सर वापस लाए। परिवारवालों का यह भी आरोप है कि सरकार की ओर से न तो उनको कोई सांत्वना दी गई और न ही सरकार ने कोई मदद की।
लांस नायक हेमराज सिंह और मध्य प्रदेश के रहनेवाले लांस नायक सुधाकर सिंह मंगलवार को शहीद हुए थे। सुधाकर सिंह के अंतिमसंस्कार के समय राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान उस समय वहां मौजूद थे। लेकिन हेमराज के अंतिमसंस्कार में राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव न तो खुद मौजूद थे और न ही उनका कोई प्रतिनिधि वहां था। इससे नाराज गांववालों का कहना है कि मुआवजे के ऐलान के बजाय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शहीद को श्रद्धांजली देने उनके गांव आए।
बाद में अखिलेस सरकार ने मुआवजे के तौर पर शहीद के परिवार को 20 लाख रुपए देने की बात कही। लेकिन परिवारवाले और गांववाले प्रशासन की अनदेखी से काफी नाराज है। यहां तक जब शहीद का शव गांव लाया गया तो सारा इंतजाम गांववालों ने ही किया। जबकि प्रशासन को इस बात की खबर दे दी गई थी। गुस्साए गांववालों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह हेमराज के शरीर की गरिमा को बनाए रखने के लिए उसके सर को लाने की कोशिश करे। हेमराज का सर न मिलने पर उसकी मां ने रोते हुए कहा कि उसे उसके बेटे की देखने तक का मौका नहीं मिला।
हेमराज के जाने के बाद उसके परिवार में उसकी पत्नी धर्मवती, दो बेटियां निर्मल व शिवम, एक बेटा प्रिंस और मां मीना देवी बची है। जिन्होंने सरकार की अनदेखी ने खाना-पीना छोड़ रखा है। गांव के प्रधान धर्मवीर ने मांग की है कि 2001 में राजपुताना राइफल में शामिल होनेवाले शहीद हेमराज को अशोक चक्र दिया जाए।
No comments:
Post a Comment