(मंत्रि-परिषद के निर्णय)
चिकित्सकों के सेवा भत्ते में वृद्धि,
बालाघाट और उज्जैन में कौशल विकास क्षेत्रीय कार्यालय शुरू होंगे
Bhopal: प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नागरिकों को अधिक सुविधा के उद्देश्य से आगामी माह से शासकीय अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क पैथालॉजी जाँच की सुविधा प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज संपन्न राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने आज प्रदेश के चिकित्सकों को विशेष चिकित्सा भत्ता स्वीकृत किया गया है।
आज लिए गए निर्णय के अनुसार आगामी माह से लोगों को विभिन्न श्रेणी के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न जाँच की निःशुल्क सुविधा मिलने लगेगी। मंत्रि-परिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार जिला अस्पतालों में 48 प्रकार की पैथालॉजी जाँच होगी। इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 13 प्रकार की, उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए 5 प्रकार की, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 26 तरह की और सिविल अस्पतालों में 32 प्रकार की पैथालॉजी जाँच की व्यवस्था की जाएगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सभी चिकित्सकों और विशेषज्ञों को उनके वेतनमान के अनुसार क्रमशः 2000 से 5,000 रुपए प्रतिमाह चिकित्सा सेवा भत्ते के रूप में दिए जायेंगे। चिकित्सकों को यह भत्ता 26 अगस्त 2008 से देने का निर्णय लिया गया है। इस तिथि के पश्चात सेवानिवृत्त एवं ऐसे चिकित्सकों जिनका सेवा में रहते हुए निधन हो गया है उन्हें 23 मई 2009 के आदेश के पालन में हुए अधिक वेतन की वसूली उनको देय सेवानिवृत्ति स्वत्वों से नहीं की जायेगी। इसका लाभ लगभग 4,000 चिकित्सक को प्राप्त होगा। चिकित्सकों को प्रेरित करने के लिए चिकित्सा सेवा भत्ते के रूप में वेतनमान और ग्रेड पे के अनुसार राशि दी जाएगी। वेतनमान 15,600 से 39,100 (ग्रेड-पे 5,400) के चिकित्सकों को 2,000 रुपए मासिक, इसी वेतनमान में ग्रेड -पे 6,600 के चिकित्सकों के लिए 3,000 रुपए मासिक और इसी वेतनमान में ग्रेड पे 7600 के लिए 4000 रुपए मासिक प्रदान किए जायेंगे। चिकित्सकों को वेतनमान 37400 से 67000 ( ग्रेड पे 8700, 8900 और 10,000) के लिए 5000 रुपए मासिक चिकित्सा सेवा भत्ते की पात्रता होगी।
प्रदेश में कौशल विकास के दो नये क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन और बालाघाट में प्रारंभ किये जायेंगे। प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय के लिए 9 पद सृजित किये गये हैं। उज्जैन क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत 25 शासकीय आईटीआई, 19निजी आईटीआई और 12 कौशल विकास केन्द्र संचालित होंगे। इसी तरह बालाघाट क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत 16 शासकीय आईटीआई, 8 निजी आईटीआई और 11 कौशल विकास केन्द्र कार्य करेंगे। कौशल विकास कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन की दृष्टि से इस विकेन्द्रीकृत प्रशासनिक व्यवस्था को लागू किया गया है।
राज्य मंत्रि-परिषद ने उप पुलिस अधीक्षक के सीधी भरती के रिक्त 76 पद को पदोन्नति से भरने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस कार्यपालिक (राजपत्रित) द्वारा सेवा भरती पदोन्नति नियम 2000 को शिथिल किया है।
मंत्रि-परिषद ने जल-संसाधन विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री (विद्युत यांत्रिकी ) से अधीक्षण यंत्री (विद्युत यांत्रिकी) के पद पर पदोन्नति के लिए कार्यपालन यंत्री पद पर कार्य की न्यूनतम अर्हता सेवा अवधि 5 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष करने का निर्णय लिया। ऐसे प्रकरणों में कार्यपालन यंत्री की कुल सेवा अवधि 26 वर्ष होना आवश्यक है।
मंत्रि-परिषद ने अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री एन.एल. चौहान को कर्त्तव्य में लापरवाही का दोषी मानते हुए सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मिल रही पेंशन में से 10 प्रतिशत राशि तीन वर्ष तक वापस लिए जाने का निर्णय लिया। इसी तरह सेवानिवृत्त उप पंजीयक श्री गोन्दीलाल धुर्वे द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के अंतर्गत कार्य में अनियमितता के आरोप सिद्ध होने पर उन्हें देय पेंशन तीन वर्ष के लिए न्यूनतम किए जाने का निर्णय लिया गया।
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