(विनय डेविड)
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भोपाल। अंततः वही हुआ जिसकी आशंका एक साल पहले जताई जा रही थी। मध्य प्रदेश जनसंपर्क के एक अधिकारी को संगठन की सेवा करने के एवज में 51 हजार रूपए प्रतिमाह का पारितोषक दिया जा रहा है। दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश राज्य के सूचना केंद्र से सेवानिवृत हुए संयुक्त संचालक सुरेंद्र कुमार द्विवेदी जनसंपर्क विभाग ने पुर्ननियुक्ति प्रदान कर दी है।
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के आला दर्जे के सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार की छवि चमकाने के बजाए भाजपा संगठन और विशेषकर मध्य प्रदेश भाजपा के निजाम प्रभात झा की चाकरी में ज्यादा समय बिताने वाले अधिकारियों को उपकृत करने की कवायद की जा रही थी।
गौरतलब है कि देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली के मंहगे व्यवसायिक इलाके कनाट सर्कस के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित मध्य प्रदेश सरकार के सूचना केंद्र के प्रभारी रहे सुरेंद्र कुमार द्विवेदी के कार्यकाल में सूचना केंद्र पर अघोषित तौर पर भाजपा कार्यालय बनने के आरोप मीडिया में जब तब लगते रहे हैं। कहा जाता है कि दिल्ली में मध्य प्रदेश बीट कव्हर करने वाले पत्रकारों को सूचना केंद्र द्वारा सुविधाएं सहूलियत देने के बजाए भाजपा के सांसद और विधायकों पर अपना ध्यान केंद्रित रखा गया था।
आरोप तो यहां तक भी हैं कि मध्य प्रदेश सरकार से अपात्र लोगों को अधिमान्यता की अनुशंसा भी सूचना केंद्र के तत्कालीन प्रभारी सुरेंद्र कुमार द्विवेदी द्वारा की गई है। चर्चा है कि चहेतों को रेवड़ी बांटने के चक्कर में सूचना केंद्र प्रभारी द्विवेदी द्वारा अपात्र लोगों को मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग से अधिमान्यता करवा दी गई। वहीं दूसरी ओर असल और पात्र मीडिया कर्मियों की अधिमान्यता के बारे में द्विवेदी ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
श्री द्विवेदी के कार्यकाल में दिल्ली में मध्य प्रदेश बीट कव्हर करने वाले पत्रकार उस वक्त हैरान रह जाते जब किसी मंत्री या मुख्यमंत्री की पत्रकार वार्ता की सूचना उन्हें दूसरे दिन समाचार पत्रों के माध्यम से उनके जाने के उपरांत मिलती। कहा जाता है कि भाजपा मानसिकता वाले मीडिया कर्मियों को ही सूचना केंद्र द्वारा पूरी तवज्जो, सहूलियत और सुविधाएं प्रदान की जाती रही हैं।
चर्चाएं तो यहां तक हैं कि द्विवेदी के कार्यकाल में मध्य प्रदेश सूचना केंद्र द्वारा मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की छवि निखारने, सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के बजाए इसे अघोषित तौर पर भाजपा और उसके अनुषांगिक संगठनों के क्रिया कलापों के प्रचार प्रसार का अड्डा बना दिया गया था।
मध्य प्रदेश जनसंपर्क संचालनालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सेवानिवृति के उपरांत सुरेंद्र कुमार द्विवेदी की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर ली गई हैं, एवं उन्हें इक्यावन हजार रूपए प्रतिमाह भी प्रदान किया जा रहा है। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि जनसंपर्क विभाग की जिला इकाईयों में सहायक जनसंपर्क अधिकारी का काम सूचना सहायक संभाल रहे हैं, वहां कर्मचारियों को तैनात करने के बजाए सेवानिवृत एक वरिष्ठ अधिकारी जिन्हें खासी पेंशन भी मिल रही है को इक्यावन हजार में फिर से विभाग में छः माह के लिए तैनात कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि उक्त अधिकारी का कार्यक्षेत्र क्या है? ये क्या काम कर रहे हैं? इन्हें क्या जवाबदारी दी गई है? इनका कक्ष कौन सा है? ये बातें या तो उक्त अधिकारी ही जानते हैं या फिर जनसंपर्क विभाग के आयुक्त राकेश श्रीवास्तव। पर यह सच है कि लगभग एक साल पहले इस आशंका को मीडिया में व्यक्त किया गया था कि सरकार के बजाए संगठन की सेवा करने वाले अधिकारियों को जनसंपर्क विभाग में सेवानिवृति के उपरांत उपकृत किया जा सकता है। (साई)
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