यूपी के शाहजहांपुर में पत्रकार को जिंदा जलाकर मारने की घटना को लेकर विरोध का तूफान तेज हुआ है. पत्रकार जगेंद्र सिंह पर हमला कराने के पीछे सबसे बड़ी वजह बनी उसकी फेसबुक पोस्ट. जगेंद्र ने एक के बाद एक फेसबुक पोस्ट के जरिए यूपी सरकार के मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा की काली कमाई और अपराधों को उजागर किया. जगेंद्र की ये बात मंत्री को नागवार गुजरी और यहीं से उसकी जिंदगी पर ग्रहण लग गया.
आप भी पढ़िए, जगेंद्र की वो फेसबुक पोस्ट ने उसकी जान की दुश्मन बन गईं...
आखिरी पोस्ट (एक जून)
रिंकू यादव के एमएलसी टिकट में रोड़े अटका रहे राममूर्ति
राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा एमएलसी टिकट के प्रबल दावेदार अमित यादव उर्फ रिंकू की राह में रोड़े अटकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. राममूर्ति ने रिंकू को राजनीति में आने से रोकने के लिए अपने कई करीबियों को टिकट की लाइन में लगवा दिया है. दरअसल राममूर्ति सिंह वर्मा ने जिन लोगों को एमएलसी के टिकट के लिए लाइन में लगाया है उनके भी भले नहीं हैं. सपा में भितरघातकराकर वह एक हाथी वाले अपने करीबी को टिकट दिलाने की जुगत में लगे हैं. आज भले ही विधायक राजेश यादव व सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां उनके कंधे से कधा मिलाकर खड़े नजर आ रहे हों, लेकिन सच यह है कि चेयरमैनी के चुनाव में उन्होने एक प्रत्याशी को मैदान में उतारकर तनवीर खां की राह में भी रोड़े अटकाए थे. विधानसभा चुनाव में उन्होने भाजपा प्रत्याशी की मदद की थी. भितरघात की पुरानी आदत के कारण बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. मौका परस्त राजनीति करने वाले राममूर्ति सिंह वर्मा 2017 में देखो किस पार्टी में नजर आएं.
29 मई की पोस्ट
अभी-अभी विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिली है कि राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के गुर्गे दुराचार पीड़ित महिला के घर पर हमला कर उसका अपहरण और हत्या का प्रयास कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो यह घटना पूरे देश पर कलंक साबित होगी. एक पीड़ित महिला न्यायालय में न्याय मांग रही है और दूसरी ओर उसकी हत्या के मंसूबे बनाए जा रहे हैं... बिल्कुल फिल्मों जैसी हकीकत सामने आ रही है.
31 मई की पोस्ट
समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बलात्कार के मामले में पीड़ित महिलाओं की खिल्ली उड़ाते हुए एक बार कहा था कि जवानी में गलती हो ही जाती है. तब से सपाई उनके कहे रास्ते पर ही चल पड़े लगते हैं. राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा और उनके गुर्गों पर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने गैंग रेप का आरोप लगाया तो सारे सपा नेता बेशर्मी के साथ बलात्कारियों के पक्ष में जुट गए हैं. सपा की महिला नेता भी पीड़िता के बजाय बलात्कारियों की वकालत करने में जुट गई हैं. शायद सपा नेता कल को यह भी कह दें कि बुढ़ापे में गलती हो ही जाती है. पीड़ित महिला के पक्ष में अभी तक कोई आगे नहीं आया है. सभी को मंत्री और सत्ता का डर सता रहा है. पीड़ित महिला पर नेताओं, गुंडों और पुलिस का दबाव पड़ रहा है. ...वाकई यूपी गुंडों की हो गई है?
नवीन द्विवेदी
राष्ट्रीय प्रवक्ता
भारतीय पत्रकार कल्याण संघ
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