Toc News @ Bhopal
भोपाल।प्रदेश में सोसायटी रजिस्ट्रीकरण की फीस में भारी इजाफा हुआ है तथा इसे शिवराज सरकार ने तीन गुना बढ़ा दिया है। ज्ञातव्य है कि राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अधीन कार्यरत रजिस्ट्रार फम्र्स एवं सोसायटी इन सोसयटियों का मप्र सांसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम,1973 के तहत बने मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण नियम,1988 के तहत पंजीकरण करती है जिसके बदले में वह निर्धारित शुल्क वसूलती है।
राज्य सरकार द्वारा जारी नवीन शुल्क संरचना के अनुसार, अब सोसायटी का रजिस्ट्रीकरण एक हजार रुपये के स्थान पर 3 हजार रुपये में होगा जबकि महिला मंडल का पंजीयन 200 रुपये के स्थान पर एक हजार रुपये में और युवा मंडल का पंजीयन 100 रुपये के स्थान पर 1500 रुपये में होगा। पहली बार नया प्रावधान किया गया है कि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा अधिसूचित अवैध कालोनियों के रहवासियों द्वारा गठित संस्था के रजिस्ट्रेशन का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। ये सभी नये शुल्क तीन साल के लिये प्रभावशील किये गये हैं।
इसी प्रकार अब सोसायटी के बायलॉज में प्रत्येक संशोधन हेतु 200 रुपये के स्थान पर 1 हजार रुपये वसूले जायेंगे। पहले सोसायटी को किसी खरीदी की अनुमति खरीदी मूल्य का 2 प्रतिशत लेकर दी जाती थी परन्तु अब इसके लिये 5 लाख रुपये की खरीदी तक दस हजार रुपये, 5 लाख से अधिक परन्तु 15 लाख रुपये तक की खरीदी पर 20 हजार रुपये, 15 लाख से अधिक परन्तु 25 लाख रुपये तक की खरीदी पर 40 हजार रुपये, 25 लाख से अधिक परन्तु 50 लाख रुपये तक की खरीदी पर 80 हजार रुपये एवं 50 लाख रुपये से अधिक खरीदी पर 80 हजार रुपये एवं इससे अधिक खरीदी पर प्रत्येक 5 लाख रुपये पर दस हजार रुपये शुल्क लिया जायेगा।
इसके अलावा पहले सोसायटी द्वारा विक्रय पर विक्रीत वस्तु की कीमत का 5 प्रतिशत शुल्क लेकर अनुमति दी जाती थी परन्तु अब विक्रय पर उक्त क्रयानुसार शुल्क लिया जायेगा। सोसायटी द्वारा किसी वस्तु के दान की अनुमति पहले 5 हजार रुपये शुल्क लेकर दी जाती थी परन्तु अब श्ह 25 हजार रुपये शुल्क लेकर दी जायेगी। पहले सोसायटी द्वारा स्थावर सम्पत्ति के अन्यथा उपयोग की अनुमति प्लान की लागत का दस प्रतिशत अथवा दस हजार रुपये शुल्क लेकर दी जाती थी पर अब यह प्लान की लागत का दस प्रतिशत अथवा पचास हजार रुपये शुल्क लेकर दी जायेगी।
ताजा नये प्रावधान के अनुसार अब सोसायटी द्वारा दी जाने वाली वार्षिक विवरणी और आडिटेड वार्षिक विवरणी पर एक-एक हजार रुपये शुल्क लिया जायेगा जो पहले 200-200 रुपये था। सोसायटी की प्रतियों के सामान्य निरीक्षण हेतु 20 रुपये प्रति पृष्ठ, 40 रुपये प्रति पृष्ठ तत्काल, 100 रुपये प्रति रजिस्टर निरीक्षण एवं 100 रुपये मूल फाईल एवं विवरणी के निरीक्षण हेतु पूर्वानुसार ही लिये जायेंगे। इसके अलावा अब सोसायटी के रजिस्ट्रीकरण हेतु दिये जाने वाले ज्ञापन में सोसायटी के प्रधान कार्यालय का पता मकान नम्बर एवं मोहल्ला सहित देना होगा जो पहले नहीं था। इसके अलावा अब सोसायटी के उक्त ज्ञापन में साक्षियों के नाम के अलावा उनके पिता या पति का नाम, पूरा पता एवं हस्ताक्षर भी होंगे।
इसी प्रकार नये प्रावधान के तहत सोसायटी के सदस्य अब चार कैटेगरी में होंगे यथा संरक्षक सदस्य वह होगा जो एक हजार रुपये या अधिक राशि एकमुश्त सोसायटी को दान करता है, आजीवन सदस्य वह होगा जो 500 रुपये या अधिक का भुगतान करता है, साधारण सदस्य वह होगा जो 10 रुपये प्रतिमाह या 120 रुपये प्रतिवर्ष भुगतान करता है तथा अवैतनिक सदस्य वह होगा जो सोसायटी की प्रबंधकारिणी समिति में सदस्य बनकर वार्षिक साधारण सम्मिलिन में भाग तो लेगा परन्तु उसे मत देने का अधिकार नहीं होगा। इसके अलावा अब सोसायटी का सदस्य वही व्यक्ति बन सकेगा जो 18 वर्ष से अधिक आयु का हो एवं सच्चरित्र हो एवं मदिरापान नहीं करता हो।
भोपाल।प्रदेश में सोसायटी रजिस्ट्रीकरण की फीस में भारी इजाफा हुआ है तथा इसे शिवराज सरकार ने तीन गुना बढ़ा दिया है। ज्ञातव्य है कि राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अधीन कार्यरत रजिस्ट्रार फम्र्स एवं सोसायटी इन सोसयटियों का मप्र सांसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम,1973 के तहत बने मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण नियम,1988 के तहत पंजीकरण करती है जिसके बदले में वह निर्धारित शुल्क वसूलती है।
राज्य सरकार द्वारा जारी नवीन शुल्क संरचना के अनुसार, अब सोसायटी का रजिस्ट्रीकरण एक हजार रुपये के स्थान पर 3 हजार रुपये में होगा जबकि महिला मंडल का पंजीयन 200 रुपये के स्थान पर एक हजार रुपये में और युवा मंडल का पंजीयन 100 रुपये के स्थान पर 1500 रुपये में होगा। पहली बार नया प्रावधान किया गया है कि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा अधिसूचित अवैध कालोनियों के रहवासियों द्वारा गठित संस्था के रजिस्ट्रेशन का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। ये सभी नये शुल्क तीन साल के लिये प्रभावशील किये गये हैं।
इसी प्रकार अब सोसायटी के बायलॉज में प्रत्येक संशोधन हेतु 200 रुपये के स्थान पर 1 हजार रुपये वसूले जायेंगे। पहले सोसायटी को किसी खरीदी की अनुमति खरीदी मूल्य का 2 प्रतिशत लेकर दी जाती थी परन्तु अब इसके लिये 5 लाख रुपये की खरीदी तक दस हजार रुपये, 5 लाख से अधिक परन्तु 15 लाख रुपये तक की खरीदी पर 20 हजार रुपये, 15 लाख से अधिक परन्तु 25 लाख रुपये तक की खरीदी पर 40 हजार रुपये, 25 लाख से अधिक परन्तु 50 लाख रुपये तक की खरीदी पर 80 हजार रुपये एवं 50 लाख रुपये से अधिक खरीदी पर 80 हजार रुपये एवं इससे अधिक खरीदी पर प्रत्येक 5 लाख रुपये पर दस हजार रुपये शुल्क लिया जायेगा।
इसके अलावा पहले सोसायटी द्वारा विक्रय पर विक्रीत वस्तु की कीमत का 5 प्रतिशत शुल्क लेकर अनुमति दी जाती थी परन्तु अब विक्रय पर उक्त क्रयानुसार शुल्क लिया जायेगा। सोसायटी द्वारा किसी वस्तु के दान की अनुमति पहले 5 हजार रुपये शुल्क लेकर दी जाती थी परन्तु अब श्ह 25 हजार रुपये शुल्क लेकर दी जायेगी। पहले सोसायटी द्वारा स्थावर सम्पत्ति के अन्यथा उपयोग की अनुमति प्लान की लागत का दस प्रतिशत अथवा दस हजार रुपये शुल्क लेकर दी जाती थी पर अब यह प्लान की लागत का दस प्रतिशत अथवा पचास हजार रुपये शुल्क लेकर दी जायेगी।
ताजा नये प्रावधान के अनुसार अब सोसायटी द्वारा दी जाने वाली वार्षिक विवरणी और आडिटेड वार्षिक विवरणी पर एक-एक हजार रुपये शुल्क लिया जायेगा जो पहले 200-200 रुपये था। सोसायटी की प्रतियों के सामान्य निरीक्षण हेतु 20 रुपये प्रति पृष्ठ, 40 रुपये प्रति पृष्ठ तत्काल, 100 रुपये प्रति रजिस्टर निरीक्षण एवं 100 रुपये मूल फाईल एवं विवरणी के निरीक्षण हेतु पूर्वानुसार ही लिये जायेंगे। इसके अलावा अब सोसायटी के रजिस्ट्रीकरण हेतु दिये जाने वाले ज्ञापन में सोसायटी के प्रधान कार्यालय का पता मकान नम्बर एवं मोहल्ला सहित देना होगा जो पहले नहीं था। इसके अलावा अब सोसायटी के उक्त ज्ञापन में साक्षियों के नाम के अलावा उनके पिता या पति का नाम, पूरा पता एवं हस्ताक्षर भी होंगे।
इसी प्रकार नये प्रावधान के तहत सोसायटी के सदस्य अब चार कैटेगरी में होंगे यथा संरक्षक सदस्य वह होगा जो एक हजार रुपये या अधिक राशि एकमुश्त सोसायटी को दान करता है, आजीवन सदस्य वह होगा जो 500 रुपये या अधिक का भुगतान करता है, साधारण सदस्य वह होगा जो 10 रुपये प्रतिमाह या 120 रुपये प्रतिवर्ष भुगतान करता है तथा अवैतनिक सदस्य वह होगा जो सोसायटी की प्रबंधकारिणी समिति में सदस्य बनकर वार्षिक साधारण सम्मिलिन में भाग तो लेगा परन्तु उसे मत देने का अधिकार नहीं होगा। इसके अलावा अब सोसायटी का सदस्य वही व्यक्ति बन सकेगा जो 18 वर्ष से अधिक आयु का हो एवं सच्चरित्र हो एवं मदिरापान नहीं करता हो।
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