मनरेगा में बाहरी मजदूरों और मशीनों से कराया जा रहा काम
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नरसिंहपुर। तेदूखेड़ा के बिल्थारी गांव में मनरेगा मजदूरों का हक मारा जा रहा है। इन मजदूरों को काम की बजाय गालियां मिल रही है। गांव के सरपंच-सचिव दबंगई पर उतारू है और स्थानीय मजदूरों की बजाय बाहरी मजदूरों और मशीनों से मनरेगा के काम कराये जा रहे हैं। काम न मिलने से फांका करने को मजबूर हुये मजदूरों ने लामबंद होकर कलेक्टर का दरवाजा खटखटाया है। आधा सैकड़ा मजदूरों की इस मुहिम को आम आदमी पार्टी का सहारा मिला है। आप के जिला अध्यक्ष अजय दुबे के साथ इन ग्रामीणों ने शिकायत के माध्यम से अपनी व्यथा प्रशासन के सामने रखी है।
ये अलग बात है कि नम्रदा यात्रा में बिजी प्रशासन ने इन मजदूरों की अब तक कोई सुनवाई नहीं की है। फाड़कर फेंक दिया मजदूरी का आवेदन बिल्थारी से आये हरिराम जाटव, भोजराज और गणेश बताते हैं कि उन्होंने गांव में जारी मनरेगा के काम करने आवेदन दिया था पर सरपंच सुषमा मेहरा, सचिव रामसिंह पटैल व रोजगार सहायक गजेनर््ी जाटव ने वह आवेदन ही फाड़कर फेंक दिया। ग्रामीणों ने सीधे तौर पर सरपंच सचिव समेत इनके साथी गंगाराम कठौनिया, कमलेश, मनीराम, देवी ठेकेदार, त्रिलोक रिछारिया पर आरोप लगाया है कि काम मांगने पर ये सभी गाली गलौच पर उतारू है और साथ ही दबंगई से हाथ पैर तोडने की धमकी भी देते हैं।
मनरेगा में चल रही मशीनें बिल्थारी के मुन्ना, धनराज, उमेश, दयानंद जाटव बताते हैं कि गांव के पंचायत भवन से स्कूल तक बनाई गई रोड समेत नर्मदा नदी तक हुये निर्माण के अलावा दो शमशान घाट का काम बाहरी मजदूरों और मशीनों से कराया गया है। आप के जिलाध्यक्ष अजय दुबे का कहना है कि काम न मिलने से मजदूर फांका करने मजबूर हैं। बेरोजगार से इनकी गृहस्थी की गाड़ी पटरी से उतर गई है। दुबे ने मजदूरों के साथ सुर में सुर मिलाते हुये इन्हें काम दिलाने और सरपंच-सचिव समेत रोजगार सहयक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मंाग की है।
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