TOC NEWS
भोपाल। बीमा अस्पतालों में घोटाले की जानकारी न देना पड़ा बीमा स्वास्थ्य सेवाओं के अफसरों को महंगा पड़ गया। सूचना आयुक्त ने इस मामले में प्राप्त शिकायत का निराकरण करते हुए दोषी अधिकारियों पर 25 हजार रुपए जुर्माना करते हुए आवेदक को 7 दिन के भीतर मांगी गई जानकारी देने को कहा है।
सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि आरटीआई में मांगी गई जानकारी न देने के मामले में जो अफसर दोषी है, उसे उनकी सर्विस बुक में उनकी इस चूक को दर्ज किया जाए, जिससे भविष्य में जब भी कोई पदोन्नति का मामला आए तो इस दंड को ध्यान में रखा जाए।
डॉ. प्रकाश तारे ने प्रभारी चिकित्सालय कर्मचारी राज्य बीमा अस्पतालों में उपकरण खरीदी में हुए घोटाले से संबंधित जानकारी अपीलीय अधिकारी बीमा चिकित्सालय से मांगी थी। डॉ. तारे को इस संबंध में जानकारी नहीं उपलब्ध कराई गई। इसके बाद उन्होंने सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी के समक्ष लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ शिकायत की, जिसका निराकरण करते हुए त्रिवेदी ने जानकारी न देने पर दोषियों पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोका है।
उल्लेखनीय है कि बीमा अस्पतालों में उपकरण खरीदी को लेकर प्रदेश में बड़ा घोटाला उजागर हुआ था, जिस पर सरकार हरकत में भी आई थी। बाद में इस मामले पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।
भोपाल। बीमा अस्पतालों में घोटाले की जानकारी न देना पड़ा बीमा स्वास्थ्य सेवाओं के अफसरों को महंगा पड़ गया। सूचना आयुक्त ने इस मामले में प्राप्त शिकायत का निराकरण करते हुए दोषी अधिकारियों पर 25 हजार रुपए जुर्माना करते हुए आवेदक को 7 दिन के भीतर मांगी गई जानकारी देने को कहा है।
सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि आरटीआई में मांगी गई जानकारी न देने के मामले में जो अफसर दोषी है, उसे उनकी सर्विस बुक में उनकी इस चूक को दर्ज किया जाए, जिससे भविष्य में जब भी कोई पदोन्नति का मामला आए तो इस दंड को ध्यान में रखा जाए।
डॉ. प्रकाश तारे ने प्रभारी चिकित्सालय कर्मचारी राज्य बीमा अस्पतालों में उपकरण खरीदी में हुए घोटाले से संबंधित जानकारी अपीलीय अधिकारी बीमा चिकित्सालय से मांगी थी। डॉ. तारे को इस संबंध में जानकारी नहीं उपलब्ध कराई गई। इसके बाद उन्होंने सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी के समक्ष लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ शिकायत की, जिसका निराकरण करते हुए त्रिवेदी ने जानकारी न देने पर दोषियों पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोका है।
उल्लेखनीय है कि बीमा अस्पतालों में उपकरण खरीदी को लेकर प्रदेश में बड़ा घोटाला उजागर हुआ था, जिस पर सरकार हरकत में भी आई थी। बाद में इस मामले पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।
No comments:
Post a Comment