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नरसिंहपुर, 24 अप्रैल 2017. विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शासकीय कार्यों के गुणवत्तापूर्ण निष्पादन के लिए सुशासन के तहत प्रशिक्षण कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दिया गया। प्रशिक्षण सत्र में कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले ने कहा है कि शासकीय कार्यालय आम जनता का शासन के साथ सम्पर्क के प्रथम बिंदु होते हैं। किसी भी शासकीय कार्यालय की कार्य संस्कृति का अनुभव उसकी रखरखाव प्रणाली के अवलोकन से किया जा सकता है।
ऐसे संस्थान/ कार्यालय जहां कुशल रखरखाव प्रणाली का उपयोग होता है, का अनुभव एक गुणवत्तापूर्ण संस्थान/ कार्यालय के रूप में किया जा सकता है। ऐसे संस्थान/ कार्यालय लागत को नियंत्रित कर दक्षता निर्माण द्वारा नागरिकों की संतुष्टि को बढ़ाते हैं। इसके लिए शासकीय कार्यालयों में अधिकारी गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि फाइल लंबित न रहे, इसके लिए ट्रेकिंग सिस्टम भी लागू किया जाये।
कलेक्टर ने जिला, विकासखंड, नगरीय निकाय, पंचायत स्तरीय सरकारी कार्यालयों, थानों और छात्रावासों में गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन करने के निर्देश सभी जिला अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि लोगों को उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं को इस तरह गुणवत्ता पूर्ण तरीके से क्रियान्वित किया जावे कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहे।
इस अवसर पर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतिभा पाल, अपर कलेक्टर जे समीर लकरा, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी जीएस धुर्वे, राजेन्द्र राय एवं मो. शाहिद खान और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण सत्र में सुशासन के नोडल अधिकारी प्रभात कनौजे ने 5- एस पद्धति के बारे में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि 5- एस गुणवत्तापूर्ण कार्य निष्पादन की एक जापानी पद्धति है। यह पद्धति एक बेहतर कार्य वातावरण बनाने में मदद करती है, जिसके परिणाम स्वरूप कार्यालय की उत्पादकता और कार्यकुशलता में वृद्धि होती है। 5- एस पद्धति में प्रथम एस का तात्पर्य छटनी से है। द्वितीय एस से सुव्यवस्थित, तृतीय एस से स्वच्छ और साफ, चतुर्थ एस से मानकीकरण तथा पंचम एस से निरंतरता को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यालय में प्रवेश से लेकर प्रत्येक कक्ष एवं टेबल पर कुछ आवश्यक बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिये।
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शासकीय कार्यालयों को इस ढंग से व्यवस्थित एवं सुरूचि पूर्ण रूप दिया जावे कि कार्यालय में आने वाले व्यक्तियों को अच्छा लगे और उनके काम तत्परता से हों। कार्यालयों द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली शासन की योजनाओं के बारे में लोगों को आसानी से जानकारी मिले। सुशासन की अवधारणा को क्रियान्वित करने के लिए प्रत्येक कार्यालय में एक नोडल अधिकारी/ कर्मचारी नियुक्त किया जावे। आगंतुक कक्ष बनाया जाये। कार्यालय की अनुपयोगी सामग्री का अपलेखन कराया जावे। विषयवार नस्तियां संधारित की जावें। कार्यालय के अधिकारी- कर्मचारियों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिलाया जावे।
जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी अरूण प्रताप सिंह निरंजन ने शासकीय नस्तियों के व्यवस्थित संधारण और नोट शीट प्रस्तुतिकरण के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान अधीनस्थ कार्यालयों के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता बताई गई, जिस पर कलेक्टर ने प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी को आगामी दिनों में आवश्यक प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिये।
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