TOC NEWS // 29 APRIL 2017
इस बात में ज़रा भी दो राय नही है की मुस्लिम समाज पर टिपण्णी करके नेतागण खुद को चर्चा में ला रहे है. मीडिया उनकी कही विवादित बयानों को मुख्य हेडलाइंस में जगह दे रहा है. बात चाहे तीन तलाक की हो, गाय की, मीट्बंदी की, गौ रक्षकों की या लाउड स्पीकरों की प्रत्येक मुद्दे में कही ना कहीं मुस्लिम समाज ज़रूर निशाना रहता है.
क्या इन मुद्दों पर विवादित बयान करने से बहुसंख्यकों समुदाय की तमाम मुश्किलें दूर हो जाती है या इन बयानों पर कुछ समय चर्चा करने से देश के बाकी मुद्दे दूर हो जाते है खैर मामला जो भी हो, बयानोंबाज़ी के दौर में जब हर नेता दुसरे से आगे निकलने की होड़ में है तो ऐसा कैसे हो सकता है की वो नेता जो दल बदलकर बीजेपी में गये है वो खुद को देशभक्त बताने से पीछे रह जाये.
बीएसपी छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी तीन तलाक के मैदान में कूद पड़े है, उन्होंने दुसरे नेताओं की तरह मुस्लिम बहनों के दर्द को लेकर सहानभूति ना जताकर इस बार मुस्लिम पुरुषों पर ही निशाना साधा है, उन्होंने कहा है की अपनी हवस मिटाने के लिए मुस्लिम एक के बाद एक शादी करते चले जाते है और अपनी हवस को पूरा करने के लिए बीवियां बदलते रहते है.
स्वामी प्रसाद मौर्य शुक्रवार को बस्ती में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम अकारण, बेवजह और मनमाने तरीके से जब चाहे बिना किसी वजह के अपनी पत्नियों को तलाक दे देते हैं। तलाक देकर वह अपनी हवस को पूरा करने का काम कर रहे हैं। तलाक की वजह से उनकी पत्नी और बच्चों को सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।’
मौर्य ने बीएसपी मुखिया मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब मैंने पार्टी छोड़ी तो मायावती ने कहा था कि जो बीएसपी छोड़ेगा उसकी राजनीति खत्म हो जाएगी, लेकिन राजनीति उनकी खत्म हुई जो मायावती के बंधुआ मजदूर बन कर रह रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि वह संघर्षों से निकले नेता हैं और मायावती की राजनीति खत्म करके ही दम लेंगे।
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