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मीडिया रिपोर्ट से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि हिडमा है.
कहा जा रहा है कि हिडमा ने ही इस साजिश को रचा और 300 नक्सलियों के साथ मिलकर हमले को अंजाम दिया. बेहद कुख्यात माने जाने वाले इस नक्सल कमांडर पर 25 लाख रुपये का इनाम है. इसके नेतृत्व में कई और बड़े हमले को अंजाम दिया जा चूका है.
कहा जा रहा है कि 11 मार्च को सुकमा में ही सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले में हिडमा का ही हाथ था. इस हमले में 12 जवान शहीद हो गए थे. मई 2013 में जीरम घाटी में कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर हुए नक्सली हमले में भी हिडमा का ही हाथ था. नक्सलियों ने 27 कांग्रेसी नेताओं समेत 32 लोगों की हत्या कर दी थी.
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इसके अलावा, 2010 में चिंतलनार में घात लगाकर 76 सीआरपीएफ जवानों की हत्या में भी इसकी भूमिका मानी जाती है. सुकमा में जंगरगुंडा इलाके के पलोडी गांव का रहने वाले हिडमा की उम्र 25 साल बताई जाती है. कहा जाता है कि वह दक्षिणी बस्तर के सुकमा-बीजापुर क्षेत्र में माओवादियों का सुप्रीम कमांडर है.
उसे एक बेहद कामयाब रणनीतिकार और फाइटर माना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह गुरिल्ला हमले करने वाले नक्सली बटैलियन का कमांडर है. दरअसल, हिडमा पीपल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी के सेकंड बटैलियन का कमांडर है. इसे भाकपा माले का सशस्त्र धड़ा माना जाता है. पुलिस का कहना है कि हिडमा अब भी पुलिस की पहुंच से बहुत दूर है.
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