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डोनल्ड ट्रम्प के सामने पाकिस्तान की पोल खुल गई है। अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन को पाक ने कराची में छुपा रखा है। अब ट्रम्प के क्रोध से कैसे बचेगा पाक.
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक समय संबंध काफी अच्छे माने जाते थे। अमेरिकी डॉलर के दम पर पाकिस्तान ने भारत में काफी आतंक फैलाया था। लेकिन अब पाकिस्तान की पोल होर रोज खुल रही है। कुछ दिन पहले ही लाहौर हाईकोर्ट में पाकिस्तान ने जहां हाफिज सईद को आतंकी माना था। तो वहीं अब ये खबर आ रही है कि अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन को पाकिस्तान ने पनाह दे रखी है। जी हां बात कर रहे हैं आतंकी संगठन अल कायदा के सबसे बड़े आतंकी अयमान-अल जवाहिरी के बारे में। जिसके लेकर अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट की मानें तो वो पाकिस्तान के कराची में छुपा हुआ है। जवाहिरी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पनाह दे रखी है। इस खबर के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
अमेरिकी समाचार एजेंसी न्यूजवीक के मुताबिक अमेरिका की सेना ने 2001 में अल कायदा को अफगानिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था। उसके बाद से ही आईएसआई ने जवाहिरी को कराची में छुपा रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जवाहिरी के कराची में होने की संभावना सबसे ज्यादा है।
अमेरिकी एजेंसी सीआईए में काम कर चुके ब्रूस रिडिल के मुताबिक कराची जवाहिरी के छिपने के लिए आरामदेह जगह होगी, उसे लगता होगा कि अमेरिकी वहां नहीं पहुंच सकते और उसे पकड़ नहीं सकते। बता दें कि कराची में अमेरिका के लिए छापेमार एक्शऩ लेना संभव नहीं होगा। जिस तरह से लादेन को मारने के लिए एबटाबाद में ऑपरेशन किया था। गौरतलब है कि एबटाबाद में ही अमेरिकी सेना ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। एबटाबाद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रोविंस का एक शहर है
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ब्रूस रिडिल की मानें तो कराची में जवाहिरी के छुपने के लिए कई ठोस कारण हो सकते हैं। अगर वो अफगानिस्तान बॉर्डर पर कहीं छुपा होता तो वो पकड़ा जाता। इसलिए ये माना जा सकता है कि उसे कराची में छुपाने के लिए आईएसआई के साथ कोई डील हुई होगी। इसी के साथ ये भी कहा जा रहा है कि अब जवाहिरी को कराची से निकालना मुश्किल होगा। आपको बता दें कि अमेरिका ने कई बार जवाहिरी को मारने की कोशिश की है। आखिरी बार जनवरी 2016 में अमेरिका ने ड्रोन हमले के जरिए उसे मारने की कोशिश की थी। मगर उस हमले में वो किसी तरह बच गया था। हालांकि हमले में उसके 4 बॉडीगार्ड्स मारे गए थे। बता दें कि 66 साल का आतंकी जवाहिरी पहले भी कई हमलों से बच चुका है।
अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान और अल कायदा लंबे समय तक साथ नहीं रह सकते हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता शुरू कर दी थी। अल कायदा का साथ उसके लिए मुसीबत बन सकता था। इसलिए ब्लैक लेग के तहत जवाहिरी को कराची भेज दिया गया था। ब्लैक लेग अफगान तालिबान का कोड नाम था, जो आईएसआई ने रखा था। आपको बता दें कि अयमान-अल-जवाहिरी एक ट्रेंड सर्जन है। वो लादेन का सलाहकार था। लादेन के बाद अल कायदा की कमान जवाहिरी के हाथ में आ गई थी। बहरहाल अब जवाहिरी के पाकिस्तान के कराची शहर में छुपे होने की खबर आई है। कहा जा रहा है कि डोनल्ड ट्रम्प जवाहिरी को मारने के लिए बड़ा कदम उठा सकते हैं। हो सकता है कि डोनल्ड ट्रम्प पाकिस्तान से जवाहिरी को मांगे और न देने पर लादेन की तरह सेना को ऑपरेशन के लिए कह सकते हैं।
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