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दिन बा दिन सामने आ रहे रेप छेड़छाड़ के मामले इस संकेत है कि अब लोग नसान नहीं बल्कि हैवान बन चुके हैं। मामले सामने ऐसे आ रहें जिसमे अपने ही लोग महिलाओं के साथ रेप छेड़छाड़ कर रहें हैं। ऐसे में उम्मीद होती है की हमरे रक्षक पुलिस हमें इंसाफ दिलाएगी लेकिन अगर वो भी ऐसे हो तो फिर कैसे महिलाओं को इंसाफ मिलेगा और कैसे वह समाज में सर उचा कर के जियेंगी। आखिर क्यों महिलाओं को सम्मान नहीं दिया जाता हैं।
क्यों सिर्फ उन्हें एक खिलौना समझा जाता है। एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर का है जहां बेहट थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक द्वारा स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म किए जाने की घटना घाटी है। ये पुष्टी आरक्षक के डीएनए से हुई है। इससे पहले पुलिस के आला अधिकारी इस शिकायत को आरक्षक के खिलाफ षडयंत्र मानकर चल रहे थे। पुलिस विभाग आरोपी सिपाही को बचाने की कोशिश में लगा हुआ था।
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आपको बता दें कि बेहट में रहने वाली एक स्कूली छात्रा ने पुलिस आरक्षक राघवेंद्र सिंह पर रेप का आरोप लगाया था। उसने बताया कि एफआरवी वाहन में रेप के दौरान तीन और पुलिसकर्मी मौजूद थे। इसमें आरक्षक राघवेंद्र पर रेप का मामला दर्ज किया गया था और एफआरवी चालक अरूण पाल के खिलाफ घटना में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। दोनो आरोपी फिलहाल जेल में है।
पूरा मामला, कैसे किया गया छात्रा के साथ दुष्कर्म
ग्वालियर के बेहट थानें में पदस्थ चार पुलिस कर्मियों के द्वारा 13 मार्च की रात को बेहट में रहने वाली एक नाबालिग छात्रा का एफआरवी में अपहरण कर जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करने के बाद, पुलिस आरोपियों को बचानें में जुटी होने के आरोप लगाए गए थे। परिजनों का कहना है कि पुलिस आरक्षक राघवेन्द्र सिंह और एफआरवी चालक के खिलाफ सिर्फ अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। जबकि लड़की ने अपने बयान में गैंगरेप का आरोप लगाया उन्होंने थाना स्टाफ को ही बदले जाने की मांग की थी।


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