TOC NEWS
पटना । बीपीएससी के पूर्व चेयरमैन रामाश्रय प्रसाद सिंह ने डिप्टी सीएम सुशील मोदी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कर 10 करोड़ के हर्जाना की मांग की है। साथ ही एक आपराधिक मुकदमा भी किया है। मामला सुशील मोदी द्वारा रामाश्रय प्रसाद पर पद के लिए लालू प्रसाद को जमीन देने के आरोप का है।
दरअसल, सीएम सुशील मोदी ने प्रेस कांफ्रेस कर आरोप लगया था कि रामश्रय यादव को बीपीएसपी चेयरमैन बनाने के बदले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उनसे पटना में पांच कट्टा जमीन ले ली। इस बाबत बीपीएससी के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि उनका चयन मेरिट के आधार पर हुआ था। सुशील मोदी के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि जानबुझकर और गलत तथ्यों के आधार पर मेरी छवि को धूमिल करने के लिए आरोप लगाये गये हैं। मैं 19 सालों तक कुवैत यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी का प्रोफेसर था जिसे ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है। उसके बाद पटना यूनिवर्सिटी ज्वाइंन कर लिया और फिर बीपीएससी के चेयरमैन बने थे।
पूर्व चेयरमैन ने कहा कि 1990- 2005 तक लालू प्रसाद की पार्टी की सरकार थी और इस दौरान कई चेयरमैन, सदस्य और वाइस चांसलर नियुक्त किए गए लेकिन किसी से पैसा नहीं लिया गया और ये सारे आरोप बेबूनियाद हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने उनकी कोई बातचीत नहीं होती है।
रामाश्रय यादव ने कहा कि बेटी की शादी के लिए उन्होंने 1993-94 में दानापुर के सगुना मोड़ की जमीन मोहम्मद शमीम को बेची थी, लेकिन उसके बाद मोहम्मद शमीम और उनकी पत्नी सोफिया तबस्सूम ने यह जमीन किसे दे दी। इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है। मुझे उस समय रुपये की जरुरत थी।
पूर्व चेयरमैन ने कहा कि 1990- 2005 तक लालू प्रसाद की पार्टी की सरकार थी और इस दौरान कई चेयरमैन, सदस्य और वाइस चांसलर नियुक्त किए गए लेकिन किसी से पैसा नहीं लिया गया और ये सारे आरोप बेबूनियाद हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने उनकी कोई बातचीत नहीं होती है।
रामाश्रय यादव ने कहा कि बेटी की शादी के लिए उन्होंने 1993-94 में दानापुर के सगुना मोड़ की जमीन मोहम्मद शमीम को बेची थी, लेकिन उसके बाद मोहम्मद शमीम और उनकी पत्नी सोफिया तबस्सूम ने यह जमीन किसे दे दी। इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है। मुझे उस समय रुपये की जरुरत थी।
No comments:
Post a Comment