नर्मदा भक्त संभालेंगे नर्मदा जी की स्वच्छता का जिम्मा, गांव-गांव गठित होंगी नर्मदा सेवा समितियां
TOC NEWS // जबलपुर | 02-दिसम्बर-2017
नर्मदा सेवा मिशन के तहत जिले में अब नर्मदा भक्त स्वयं नर्मदा जी की स्वच्छता का जिम्मा संभालेंगे। इसके लिए गांव-गांव में नर्मदा सेवा समितियों का गठन किया जाएगा।
उक्त निर्णय आज यहां सम्पन्न नर्मदा सेवा मिशन की बैठक में लिया गया। बैठक में म.प्र. गौपालन एवं पशु-धन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद जी तथा स्वामी गिरीशानंद जी एवं पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला भी मौजूद थे।
बैठक के आरंभ में कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने नर्मदा सेवा मिशन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नर्मदा जल को पवित्र रखना सर्वाधिक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि नर्मदा जी में किनारों से प्रदूषित पानी न मिल सके और जल संरक्षण एवं संवद्र्धन निरन्तर होता रहे। उन्होंने पिछले दिनों जिले में बड़े पैमाने पर किए गए वृक्षारोपण के संरक्षण के लिए समुचित कदम उठाए जाने की जरूरत बताई। हर गांव में सेवा समिति हो और इन समितियों को ऊर्जावान और सक्रिय बनाया जाए।
स्वामी अखिलेश्वरानंद जी ने कहा कि पूर्व में सम्पन्न नर्मदा सेवा यात्रा का उद्देश्य उद्गम से मध्यप्रदेश की सीमा तक नर्मदा जी को प्रदूषित होने से बचाने का था। अब हम सभी का दायित्व है कि नर्मदा जी में किसी प्रकार का प्रदूषण न हो सके और इसका प्रवाह अविरल रहे। उन्होंने कहा कि नर्मदा जी में अंदर या बाहर कहीं से भी होने वाले किसी भी प्रकार के प्रदूषण से मुक्त कर नर्मदा जल को शुद्ध और पवित्र रखने की दिशा में कदम उठाने होंगे।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसके लिए हमें केवल शासन या प्रशासन तंत्र पर निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि स्वयं नर्मदा जी की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा यात्रा के बावजूद नर्मदा से जारी खनन से जुड़े मसलों को जिला और पुलिस प्रशासन के संज्ञान में लाया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नर्मदा सेवा समितियां और घाट सेवा समितियां यदि पूरी प्रतिबद्धता से नर्मदा जी की पवित्रता के लिए काम करेंगी तो नि:संदेह वांछित लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
स्वामी गिरीशानंद ने कहा कि यह समय चुप बैठे रहने का नहीं है। वृक्षारोपण के दौरान लगाए गए वृक्ष खराब होने पर आवश्यक रूप से दूसरे वृक्ष लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि नर्मदा के विभिन्न घाटों से प्रतिबंध के बावजूद खनन जारी है। उन्होंने प्रदूषण से बचाव के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सक्रियता को जरूरी बताया।
बैठक में तय किया गया कि नर्मदा जी के प्रत्येक घाट के लिए स्थानीय नर्मदा सेवा समिति गठित की जाए जो अपने क्षेत्र में नर्मदा जी की पवित्रता का संरक्षण सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि इस सिलसिले में सम्बन्धित एसडीएम, तहसीलदार और एक पुलिस अधिकारी को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। हर घाट के लिए नगर निगम व नगर परिषद् भेड़ाघाट के एक-एक अधिकारी को तैनात किया जाएगा।
यह तय हुआ कि नर्मदा भक्त घाटों की निगरानी करेंगे और इस कार्य में प्रशासन और पुलिस द्वारा उन्हें जरूरी मदद मुहैया कराई जाएगी। कलेक्टर ने इस सिलसिले में अनुविभागीय अधिकारियों को आस्थावान लोगों के नाम संकलित कर सूचियां तैयार करने के निर्देश दिए। सीईओ जिला पंचायत हर्षिका सिंह इन सूचियों के आधार पर समितियों के गठन के काम को अंजाम देंगी।
बैठक में शहपुरा मण्डी अध्यक्ष नीरज सिंह ने सुझाव दिया कि किसी भी नागरिक द्वारा घाटों पर अवांछनीय गतिविधियां देखे जाने पर उसकी फोटो हैल्पलाइन पर पोस्ट किए जाने और त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करना उपयोगी सिद्ध होगा। इस सुझाव का स्वागत करते हुए कलेक्टर ने कहा कि ऐसे मामलों में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। श्री सिंह ने शराबबंदी के लिए गठित महिलाओं की समितियों की कामयाबी के मद्देनजर आशा व्यक्त की कि महिला समूह नर्मदा सेवा के क्षेत्र में भी बेहतर नतीजे हासिल कर सकेंगे।
बैठक में कलेक्टर ने खनिज अधिकारी को निर्देशित किया कि वे अवैध उत्खनन सम्बन्धी प्रतिबंध सख्ती से लागू किए जाना सुनिश्चित करें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सम्बन्धितों के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज किए जाएंगे। कलेक्टर श्री चौधरी ने अपेक्षा की कि आस्थावान भक्तों और प्रशासनिक अमले के समवेत प्रयासों से नर्मदा जी के घाटों पर बेहतर माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि घाटों पर शराबखोरी या अन्य प्रकार से माहौल खराब करने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित किया जाए ताकि उन्हें सीधे जेल भेजने की कार्यवाही की जा सके।
बैठक में भाजपा अध्यक्ष (नगर) जी.एस. ठाकुर, भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष शिव पटेल तथा अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय साहू और एसडीएम नम:शिवाय अरजरिया तथा जन अभियान परिषद् के भीम सिंह एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
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