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गांधीनगर. विधानसभा चुनाव में पहली बार वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन लगाई जाएगी। इसे ईवीएम के साथ जोड़ा जाएगा। इसका फायदा है कि जब कोई भी व्यक्ति ईवीएम पर अपना वोट देता है तो इस मशीन में वह उस प्रत्याशी का नाम भी देख सकता है, जिसे उसने वोट दिया है। मशीन के तहत वोटर विजुअली सात सेकेंड तक यह देख सकेगा कि उसने जो वोट दिया है क्या वह मत उसके प्रत्याशी को मिला है या नहीं।
इस मशीन के जरिए मतदाता को प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह और नाम उसकी ओर से चुनी गई भाषा में दिखाई देगा। इतना ही नहीं मतदाता की जानकारी को प्रिंट करके मशीन में स्टोर कर लिया जाता है और विवाद की स्थिति में जानकारी को उपलब्ध कराके समस्या को निपटाया जाता है। गुजरात के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग पहले से ही सतर्कता बरत रहा है। वीवी पैट के स्लिपों की गिनती नहीं होगी फिर भी टेस्टिंग के रूप में हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ पर वीवीपैट की स्लिप को वोटों के साथ वेरिफाई करने का निर्णय लिया गया है। विधानसभा चुनाव में 182 बूथों पर वीवी पैट मशीन के स्लिपों को गिना जाएगा। गिनती के लिए ड्रॉ करके बूथ चुना जाएगा।
रिटर्निंग अधिकारी पूरी प्रक्रिया पर रखेंगे नजर
वीवी पैट की स्लिपों की गिनती के लिए अलग से काउंटर बनेगा। जैसे बैंक में कैशियर की केबिन होती है उसी प्रकार अलग से काउंटर बनेगा। ईवीएम के सभी वोटों की गिनती होने के बाद वीवीपैट के स्लिपों की गिनती होगी। रिटर्निंग आफिसर पूरी प्रक्रिया की निगरानी और जनरल आब्जर्वर इसमें मदद करेंगे। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी।
इस प्रकार चुना जाएगा बूथ
विधानसभा के सभी बूथ का नाम पोस्टकार्ड की तरह सफेद कागज पर एक इंच की साइज में प्रिंट होगा। कागज पर बूथ नंबर लिखने के बाद उसे चार बार मोड़कर एक बॉक्स में रखा जाएगा। रिटर्निंग आफिसर इसमें से एक कागज को निकालेंगे। कागज पर जिस बूथ का नंबर होगा वहीं वीवी पैट मशीन के स्लिप की गिनती होगी।
गांधीनगर. विधानसभा चुनाव में पहली बार वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन लगाई जाएगी। इसे ईवीएम के साथ जोड़ा जाएगा। इसका फायदा है कि जब कोई भी व्यक्ति ईवीएम पर अपना वोट देता है तो इस मशीन में वह उस प्रत्याशी का नाम भी देख सकता है, जिसे उसने वोट दिया है। मशीन के तहत वोटर विजुअली सात सेकेंड तक यह देख सकेगा कि उसने जो वोट दिया है क्या वह मत उसके प्रत्याशी को मिला है या नहीं।
इस मशीन के जरिए मतदाता को प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह और नाम उसकी ओर से चुनी गई भाषा में दिखाई देगा। इतना ही नहीं मतदाता की जानकारी को प्रिंट करके मशीन में स्टोर कर लिया जाता है और विवाद की स्थिति में जानकारी को उपलब्ध कराके समस्या को निपटाया जाता है। गुजरात के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग पहले से ही सतर्कता बरत रहा है। वीवी पैट के स्लिपों की गिनती नहीं होगी फिर भी टेस्टिंग के रूप में हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ पर वीवीपैट की स्लिप को वोटों के साथ वेरिफाई करने का निर्णय लिया गया है। विधानसभा चुनाव में 182 बूथों पर वीवी पैट मशीन के स्लिपों को गिना जाएगा। गिनती के लिए ड्रॉ करके बूथ चुना जाएगा।
रिटर्निंग अधिकारी पूरी प्रक्रिया पर रखेंगे नजर
वीवी पैट की स्लिपों की गिनती के लिए अलग से काउंटर बनेगा। जैसे बैंक में कैशियर की केबिन होती है उसी प्रकार अलग से काउंटर बनेगा। ईवीएम के सभी वोटों की गिनती होने के बाद वीवीपैट के स्लिपों की गिनती होगी। रिटर्निंग आफिसर पूरी प्रक्रिया की निगरानी और जनरल आब्जर्वर इसमें मदद करेंगे। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी।
इस प्रकार चुना जाएगा बूथ
विधानसभा के सभी बूथ का नाम पोस्टकार्ड की तरह सफेद कागज पर एक इंच की साइज में प्रिंट होगा। कागज पर बूथ नंबर लिखने के बाद उसे चार बार मोड़कर एक बॉक्स में रखा जाएगा। रिटर्निंग आफिसर इसमें से एक कागज को निकालेंगे। कागज पर जिस बूथ का नंबर होगा वहीं वीवी पैट मशीन के स्लिप की गिनती होगी।
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