आज पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है. 69वें गणतंत्र दिवस का गवाह बनने के लिए राजपथ पूरी तरह से तैयार है.
ऐतिहासिक राजपथ पर भव्य परेड के दौरान सलामी मंच पर पहली बार दस आसियान देशों थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई, लाओस, म्यामांर, कंबोडिया, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे हैं. आमतौर पर गणतंत्र दिवस समारोह में एक ही विदेशी मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है.
सुबह दस बजे शुरू होकर लगभग डेढ घंटे तक चलने वाली परेड के लिए सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं और जमीन से लेकर आकाश तक हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
राष्ट्रपति और तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर रामनाथ कोविंद सलामी मंच पर 21 तोपों की सलामी लेंगे. इसके बाद विजय चौक से भव्य परेड शुरू होगी जो लाल किले पर खत्म होगी.
सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में इंडिया गेट स्थित पवित्र अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
परेड के खास आकर्षण:
दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री परेड के कमांडर तथा दिल्ली क्षेत्र में सेना के चीफ ऑफ स्टॉफ मेजर जनरल राजपाल पूनिया उप कमांडर होंगे. परेड की शुरुआत में होने वाले फ्लाईपास्ट में भारतीय सेना के साथ-साथ वायु सेना के हेलिकॉप्टर पर आसियान का ध्वज भी लहरायेगा.
इसके बाद भारतीय सेना के जवान आसियान के ध्वज के साथ साथ सभी दस मेहमान आसियान देशों ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, मलेशिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के ध्वज लेकर चलेंगे.
परेड में सशस्त्र सेनाओं के 16 मार्चिंग दस्ते ,16 मार्चिंग बैंड और देश की विविधता में एकता की झलक पेश करती 23 झांकियां निकाली जायेंगी. इनमें विदेश मंत्रालय की बनायी गयी दो झांकियों में आसियान देशों की शिक्षा, संस्कृति और सभ्यता की झलक दिखाई देगी.
परेड में देश की सैन्य ताकत के प्रतीक तीन टी-90 टैंक, दो ब्रमोस और दो आकाश मिसाइल प्रणाली और भीष्म टैंक राजपथ से गुजरेंगे. वायु सेना के लड़ाकू हेलिकॉप्टर रूद्र पहली बार राजपथ पर गर्जन करते नजर आयेंगे.
परेड में सेना का प्रतिनिधित्व 61 केलवरी के घुडसवार, सात मकैनाइज्ड कॉलम, 6 मार्चिंग दस्ते और मार्चिंग बैंड करेंगे. इनमें पंजाब
रेजिमेंट, मद्रास रेजिमेंट , मराठा लाइट इन्फेंट्री , डोगरा रेजिमेंट, रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी और लद्दाख स्काउट शामिल हैं.
अर्धसैनिक बलों में लंबे समय के बाद आईटीबीपी का दस्ता भी दिखाई देगा. वैसे परेड का आकर्षण सीमा सुरक्षा बल की 113 जांबाज कमांडो होंगी जो हैरतअंगेज तथा रोंगटे खड़े कर देने वाले कारनामे करेंगी.
इससे पहले ये करतबबाजी डेयर डेविल के नाम से प्रसिद्ध पुरूष कमांडो करते थे लेकिन इस बार ये महिलाएं 350 सीसी की 26 रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकों पर सवार होकर नारी शक्ति तथा अपने साहस और वीरता का परिचय देंगी. इस दौरान ये एरोबेटिक्स तथा कलाबाजी का भी प्रदर्शन करेंगी.
दिल्ली पुलिस का मार्चिंग दस्ता तथा बैंड भी राजपथ पर अपने कौशल का परिचय देंगे.
इनके बाद राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेटों के दस्ते राजपथ पर अनुशासन का आदर्श प्रस्तुत करते हुए कदमताल करते नजर आयेंगे.
इनके पीछे ऑल इंडिया रेडियो, विदेश मंत्रालय द्वारा बनायी गयी आसियान की झांकी, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ, केरल, असम, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, गुजरात की झांकी अपने अपने राज्यों की मनोहारी छटा प्रस्तुत करेंगी. इसके साथ ही आईटीबीपी, आदिवासी मामलों, युवा तथा खेले मामलों, आईसीएआर, आयकर विभाग तथा केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी भी परेड में दिखाई जायेंगी.
झांकियों के बाद राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों से सम्मानित बहादुर बच्चे खुली जीप में दर्शकों का अभिवादन करते हुए राजपथ से गुजरेंगे. इनके पीछे स्कूली बच्चे अपनी रंगारंग लोक नृत्य प्रस्तुति से राजपथ पर धूम मचाते नजर आयेंगे. ये बच्चे आसियान देशों की पोशाकों में वहां के नृत्य भी पेश करेंगे.
परेड के समापन से पहले वायु सेना के लड़ाकू विमान अपने हैरतअंगेज करतब दिखायेंगे. मालवाहक विमान तथा हेलिकॉप्टर भी फ्लाईपास्ट में अपनी ताकत का नमूना पेश करेंगे.
परेड के समापन पर राजपथ का आकाश शांति के प्रतीक रंग बिरंगे गुब्बारों से पट जायेगा.
परेड के समापन पर राजपथ का आकाश शांति के प्रतीक रंग बिरंगे गुब्बारों से पट जायेगा.
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