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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज़ पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है. अब यह फिल्म 25 जनवरी को पूरे देश में एक साथ रिलीज़ की जाएगी. अदालत ने इसके साथ ही सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि फिल्म के प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए समुचित प्रबंध करें क्योंकि संविधान के तहत कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी ज़िम्मेदारी है. शीर्ष अदालत ने अन्य राज्यों से भी कहा कि वे फिल्म के प्रदर्शन पर किसी तरह का प्रतिबंध न लगाएं.
इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च तक के लिए टाल दी गई. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से यू/ए प्रमाण पत्र के साथ इसे रिलीज़ करने की हरी झंडी मिलने के बावज़ूद राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने इस फिल्म पर अपने स्तर पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके ख़िलाफ़ फिल्म निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने आदेश जारी कर फिल्म की रिलीज़ का रास्ता साफ किया है.
बताते चलें कि चित्तौड़ की रानी पद्मिनी के जीवन पर आधारित यह फिल्म ‘पद्मावती’ के नाम से बनी थी. और इसे बीती एक दिसंबर को रिलीज़ होना था. लेकिन करणी सेना जैसे राजपूत संगठनों के विरोध के कारण सेंसर बोर्ड ने इसे हरी झंडी नहीं दी. क्योंकि इन संगठनों का आरोप है कि फिल्म में ‘रानी पद्मिनी का चरित्र-चित्रण ग़लत संदर्भ-प्रसंगों के साथ किया गया है. ऐसा करते वक़्त ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है.’
इन आरोपों के बरअक़्स सीबीएफ़सी ने इतिहासकारों और विशेषज्ञों का पैनल बनाकर न सिर्फ़ फिल्म में बताए एेतिहासिक तथ्यों की जांच कराई बल्कि निर्माताओं से इसका नाम बदलकर ‘पद्मावत’ करने की भी अनुशंसा की. फिर पड़ताल पूरी होने और नाम बदले जाने के बाद ही इसे यू/ए सर्टिफिकेट जारी किया. हालांकि इसके बाद भी राजस्थान समेत चार राज्य इसे अपने यहां दिखाने के लिए राजी नहीं हाे रहे थे.
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