नई दिल्ली। देश के लाखों मुस्लिमों को केंद्र सरकार ने आज उस वक्त एक बउ़ा झटका दिया है, जब सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए हज यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है। केन्द्र सरकार के इस फैसले के बाद अब हज यात्रियों को खुद के खर्चे पर ही हज यात्रा करनी होगी। बता दें कि तकरीबन देश के 1.75 लाख हज यात्रियों को हर साल हज यात्रा पर सब्सिडी जारी की जाती है, जिस पर सरकार को सलाना 700 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि हज यात्रा पर दी जाने वाली रियायत इस साल से खत्म कर दिया गया है। नकवी ने इस बारे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हज सब्सिडी का इस्तेमाल अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और महिलाओं के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए किया जाएगा, ताकि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े हुए समाज को बराबरी का अहसास कराया जाएगा।
नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार ने नई हज नीति के तहत यह फैसला लिया है। सब्सिडी से मुलसमानों का फायदा नहीं होता था, बल्कि इसका फायदा कुछ संस्थाओं को होता था। उन्होंने कहा कि इस साल एक लाख 75 हजार मुसलमान हज यात्रा पर जाने वाले हैं। एक सवाल के जवाब में नकवी ने कहा कि हज यात्रा पर जाने वाले गरीब मुसलमानों के लिए मोदी सरकार उपाय किया है। नकवी ने कहा कि भविष्य में समुद्री मार्ग से भी हज यात्रा शुरू की जाएगी।
नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 साल के अंदर हज सब्सिडी को आहिस्ता-आहिस्ता खत्म करने की बात कही थी। हालांकि मोदी सरकार ने अचानक यह फैसला लिया है। यह फैसला तुष्टीकरण के बगैर अल्पसंख्यकों को सशक्त करने के उसके अजेंडे का ही एक हिस्सा है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार की नई हज नीति के तहत मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम के हज पर जाने की मंजूरी दी गई थी।
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