विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में महिलाओं में होने वाले कैंसर का चौथा सबसे बड़ा कारण गर्भाशय ग्रीवा में होने वाला सर्वाइकल कैंसर है। एक तिहाई महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की जांच के दौरान अपने प्रजनन अंगों को दिखाने में शर्म महसूस करती हैं, जिसकी वजह से वह यह जांच कराने से बचती हैं।
google image
सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए स्मीर टेस्ट करना पड़ता है, जिसमें नियमित रूप से पेणू का परीक्षण कर नमूना एकत्रित किया जाता है और प्रयोगशाला में उसकी जांच की जाती है। 21 से 29 वर्ष की महिलाओं को यह टेस्ट अनिवार्य रूप से कराने की सिफारिश की जाती है। प्रति तीन वर्ष में कराए जाने वाले इस टेस्ट से कैंसर के मामलों में 75 प्रतिशत तक कमी लाने में सफलता मिल सकती है।
google image
ब्रिटेन में कैंसर के खिलाफ काम करने वाली संस्था जो सर्वाइकल कैंसर ट्रस्ट द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के परिणामों के मुताबिक 35 प्रतिशत युवतियां स्मीर टेस्ट के दौरान अपने प्राइवेट अंगों को डॉक्टर को दिखाने से बचने के लिए इस टेस्ट से परहेज करती हैं।
google image
संस्था ने 2017 महिलाओं पर सर्वेक्षण कर यह परिणाम हासिल किया है। इस दौरान दो तिहाई महिलाओं में इसके लिए जागरूकता की कमी पाई गई। संस्था के सदस्य रॉबर्ट म्यूजिक का कहना है कि जीवन रक्षक परीक्षण कराने के लिए किसी शर्म का अनुभव नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सहज महसूस करवाने के लिए पेशेवर नर्स इस क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
No comments:
Post a Comment