विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता प्रवीण तोगड़िया ने आरोप लगाया है कि ‘‘कुछ लोग'' उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और सोमवार को उन्हें एक पुलिस एनकाउंटर में मारने की साजिश रची गई थी. बता दें कि सोमवार को तोगड़िया करीब दस घंटों तक लापता थे. इसके बाद वह एक पार्क में बेहोशी की हालत में मिले थे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
तोगड़िया ने दावा किया, ‘‘एक दशक पुराने मामले को लेकर मुझे निशाना बनाया जा रहा है, यह मेरी आवाज को दबाने की कोशिश है. राजस्थान पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आई थी. किसी ने मुझे बताया कि एनकाउंटर में मुझे मारने की साजिश रची जा रही है.’’
तोगड़िया (62) ने अहमदाबाद में हॉस्पिटल से ही की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोते हुए ये आरोप लगाए. तोगड़िया ने कहा कि वह छिप गए थे क्योंकि उन्हें डर था कि पुलिस उन्हें एनकाउंटर में मार देगी. उन्होंने कहा कि उन्हें राम मंदिर, किसानों तथा गो वध जैसे मुद्दों पर बोलने नहीं दिया जा रहा है.\
‘कोर्ट में पेश होने के लिए निकला था, रास्ते में तबीयत बिगड़ गई’
विहिप नेता ने कहा, ‘‘मैंने राजस्थान के वकीलों से संपर्क किया और उन्हें कहा कि गिरफ्तारी वारंट को रद्द कराए. लेकिन उन्होंने कहा कि यह मुश्किल है क्योंकि अदालत ने वारंट जारी किया है.’
सुबह मैं पूजा कर रहा था जब मुझे ये संदेश मिलने लगे कि गुजरात पुलिस के साथ राजस्थान पुलिस का एक बड़ा दल एनकाउंटर में मुझे मारने के लिए आ रहा है. अपने सुरक्षा गार्डों को सूचित करने के बाद मैंने विहिप के एक कार्यकर्ता के साथ ऑटो रिक्शा लिया और शहर के थलतेज इलाके में गया. मैंने राजस्थान की मुख्यमंत्री (वसुंधरा राजे) और गृह मंत्री (गुलाबचंद कटारिया) को फोन किया लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि उनकी पुलिस मुझे गिरफ्तार करने गुजरात आई है. इससे और अधिक संदेह पैदा हो गया और मैंने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया.
प्रवीण तोगड़िया, विहिप नेता
तोगड़िया ने कहा कि इसके बाद वह फ्लाइट से जयपुर जाने और कोर्ट के समक्ष पेश होने के लिए निकले. जब वह ऑटो रिक्शा से एयरपोर्ट के लिए जा रहे थे तो उन्हें चक्कर आ गए, इसके बाद उन्होंने ड्राइवर से किसी अस्पताल ले चलने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि इसके बाद वह बेहोश हो गए और जब उन्हें होश आया तो वह किसी अस्पताल में थे.
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