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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कासगंज में कासगंज में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है और हंगामा हो रहा है। उपद्रवियों ने दो बसों में आग लगा दी और एक दुकान में तोड़फोड़ की है। भाजपा के सांसद-विधायक सड़कों पर उतरे आए और ये आरोप लगा दिया कि हमला करने वालों ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे लेकिन इन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है।
कासगंज में हिंसा के बाद भाजपा के लोकल नेताओं की तरफ से ऐसा दावा किया गया जिससे इस पूरे मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। भाजपा के सांसद-विधायक के मुताबिक जब तिरंगा यात्रा निकाल रहे ABVP के कार्यकर्ताओं का जुलूस बिलराम गेट के पास पहुंचा तो बाइक सवारों के आगे कुर्सिंयां फेंक कर उनका रास्ता रोक दिया गया।
भाजपा के सांसद-विधायक ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ज़िंदाबाद और हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए और जुलूस में शामिल ABVP कार्यकर्ताओं से भी ऐसे ही नारे लगाने के लिए कहा गया लेकिन कासगंज के एसपी ने भाजपा नेताओं के दावे को खारिज कर दिया है।
हिंसा के गुनहगारों का पता लगाने के लिए पुलिस की तहकीकात जारी है और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। अफसर से लेकर सरकार के मंत्री तक दावे कर रहे हैं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के कासगंज में शुक्रवार को गणतंत्र दिवस मनाने के दौरान दो समुदायों में संघर्ष हो गया, जिसमें एक की मौत हो गई जबकि 9 अन्य इस झगड़े में घायल हुए। कासगंज में विश्व हिंदू परिषद और एबीपी के कार्यकर्ताओं के रैली निकालते समय ये झगड़ा शुरू हुआ था। हालात काबू में रखने के लिए धारा 144 लागू है।
कासगंज हिंसा |
पुलिस ने बताया है कि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने मथुरा-बरेली राजमार्ग पर तिरंगा यात्रा निकाली थी।
बिलराम इलाके से जब यह यात्रा गुजर रही थी तभी दो दूसरे समुदायों के बीच कहासुनी हो गई। जिसके बाद दोनों समुदायों के लोगों ने एक दूसरे पर पत्थर चलाएं, फिर बंदूकें निकल आईं और गोलियां चलीं, वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
हिंसक प्रदर्शन में गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस फोर्स के साथ डीएम, एसपी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने तनाव की स्थिति देखते हुए लोगों को लाठी के बल पर रोकने का प्रयास किया।
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