TOC NEWS
नरसिंहपुर-विवेकानंद जयंती के शुभावसर पर श्रमवीर पत्रकार कल्याण संघ द्वारा यादव कॉलोनी स्थित ज्ञानगंगा विद्यापीठ में शास्त्र ज्ञान पाठशाला का आयोजन किया गया,जिसमे मुख्य रूप से पंडित आलोक जी शास्त्री,पत्रकार वारिज वाजपेयी जी, पत्रकार दीपचंद्र जाटव जी, संगठन के जिलाउपाध्यक्ष श्री विपिन बैरागी जी एंव स्कूल संचालक बसत सोनी उपस्थित रहे संगठन के जिलाध्यक्ष ललित श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय मे जिस प्रकार बच्चे एवं युवा वर्ग अपनी संस्कृति एवं शास्त्रों से दूर होते जा रहे हैं,
यह भारत देश के लिए अत्यंत दुःखद एवं हानिकारक है,आगे उन्होंने बताया कि किताबी पढाई पड़कर आप जानकारियां अर्जित कर सकते हैं लेकिन उत्तम व्यक्तित्व के निर्माण के लिए शास्त्रों का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है और असल मे जब तक बच्चो को शास्त्रों के विषय में ज्ञान नही होगा उनका एक अच्छा इंसान बनना एवं एक उच्च्तम व्यक्तित्व का निर्माण कर पाना बहुत ही मुश्किल है।साथ ही उन्होंने विवेकानंद जी के तेजस्वी स्वरूप एवं व्यक्तित्व की शक्ति के विषय मे बताया।
इस अवसर पंडित आलोक जी शास्त्री द्वारा संस्कारों के प्रति बच्चों को जागरूक किया एवं बच्चों को समझाया कि पूजास्थल पर एवं घर के अंदर जिस प्रकार आजकल लोग घर मे चप्पल पहनकर घूमते है यह कितना गलत है और इसके वैज्ञानिक एवं टेक्निकल नुकसानों से अवगत कराया।आगे उन्होंने कहा कि माता पिता प्रथम गुरु हैं एवं द्वितीय गुरु हमारे गुरु और हमे सदैव इनका सम्मान करना चाहिए।
अगले संबोधन में बच्चों को संबोधित करते हुए पत्रकार वारिज वाजपेयी ने शास्त्रों की अनेकों बातों का वर्णन किया उन्होंने बताया कि आज पूरा विश्व भारत के शास्त्रों को देखकर एवं पड़कर शोध करता है।जैंसे की पुष्पक विमान जो रामायण काल मे हुआ करता था उसे देखकर आज हवाई जहाज इत्यादि का निर्माण हुआ,शास्त्रों में अपनी आंतरिक शक्ति के कारण लोग मीलों दूर व्यक्ति से आँखे बंद करके बात किया करते थे,और आज हम मोबाइल पर बात करते हैं।आगे उन्होंने बहुत से ग्रंथो की सुंदर कहानियों के द्वारा बच्चों को शास्त्रों का ज्ञान दिया,साथ ही स्वामी विवेकानंद जी को किस प्रकार अपने गुरु श्री राम कृष्ण परमहंस जी द्वारस आत्मज्ञान प्राप्त हुआ इस कहानी को बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया।जिससे बच्चों को गुरु के महत्व का ज्ञान हुआ।
इसके बाद दीपचंद्र जाटव जी द्वारा व्यवहारिक विषयों पर बच्चों को समझाते हुए बताया गया कि हर बच्चे के लिए माता पिता का स्थान सर्वोच्च होना चाहिए जिस प्रकार आजकल बच्चे माता पिता की छोटी छोटी बातों पर झुंझलाते हैं और नाराज होते हैं,यह बहुत ही गलत बात है क्योंकि माता पिता के द्वारा गलती से भी बच्चों का अहित नही किया जा सकता वह सदैव बच्चों से प्रेम करते हैं इसलिए बच्चों को माता पिता एवं गुरुओं का आदर करना चाहिए और उनकी बातों को मानना चाहिए।
संगठन के जिलाउपाध्यक्ष विपिन जी बैरागी ने बताया कि हमारे धर्म मे चार वेद,छः शास्त्र एवं अठारह पुराण हैं हिन्दू धर्म बहुत ही व्यापक एवं प्राचीन है किताबी ज्ञान के अलावा हमे हमारे धार्मिक शास्त्रों का के विषय मे भी रुचि रखना चाहिए।आगे उन्होंने बताया कि बालपन की स्थिति बहुत ही नाजुक स्थिति है उम्र के इस पड़ाव से हम जैंसा सीखेंगे उसी दिशा में हमारी जिंदगी आगे बढ़ेगी।
संगठन द्वारा आगे भी इस प्रकार की शास्त्र ज्ञान पाठशालाएं विभिन्न स्थानों पर समय-समय पर लगाकर बच्चों को उचित मार्ग पर चलने हेतु शास्त्रों का ज्ञान उपलब्ध कराया जाएगा।
No comments:
Post a Comment