नई दिल्ली। देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीजेआई पर गंभीर आरोप लगाने के बाद से ही सबकी नजर न्यायपालिका से जुड़े इस सबसे बड़े विवाद पर है।
इस बीच बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों के बीच मतभेद खत्म करने की दिशा में पहल की है। काउंसिल का एक 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से पूरे मसले पर बातचीत करेगा।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने शनिवार शाम करीब 5 बजे एक अहम बैठक की। बैठक के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने कहा कि एक मत से फैसला किया गया है कि हमारा 7 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल कल सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से मिलेगा। इसके लिए जजों से समय लिया जा रहा है। 50 प्रतिशत जजों ने सहमति दे दी है और जल्द ही जो अभी बाहर हैं उनके सहित बाकियों से भी सहमति ले ली जाएगी। उन्होंने कहा कि रविवार सुबह 9 बजे से प्रतिनिधिमंडल बातचीत शुरू कर देगा।
मिश्रा ने कहा कि हम बार की भावना से जजों को अवगत कराएंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि मसले का शांतिपूर्ण और जल्द से जल्द निपटारा करें। उन्होंने कहा कि अगर बार के सीनियर मेंबर्स की मदद की जरूरत है तो हम तैयार हैं। मिश्रा ने कहा कि जुडिशरी पर लोगों की अटूट आस्था है…हम कोई ऐसा काम नहीं होने देंगे जिससे इस पर आघात पहुंचे।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रमुख मनन मिश्रा ने कहा कि जुडिशरी पर हो रही राजनीति ने हमें मर्माहत किया है। उन्होंने कहा कि जस्टिस लोया की मौत के मामले पर राजनीति हो रही है।
मिश्रा ने कहा, ‘हम सभी नेताओं से गुजारिश करते हैं कि इस पर कोई राजनीति न करें…जुडिशरी पर लोगों का अटूट विश्वास है…इसे टूटने न दें।’
मिश्रा ने कहा, ‘पीएम और कानून मंत्री ने कल (शुक्रवार) ही कहा था कि यह न्यायपालिका का अंदरूनी मामला है, वही निपटाए…सरकार के इस रुख का बार काउंसिल स्वागत करती है।’
मनन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ‘इस मुद्दे से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य दलों को राजनीति करने का मौका मिल गया है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं उनसे (राहुल) और राजनीतिक दलों से गुजारिश करता हूं कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न होने दें।’
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