जोधपुर: निचली अदालत द्वारा बलात्कार मामले में आसाराम पर कल फैसला सुनाये जाने से पूर्व शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है और निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक निचली अदालत मामले के सिलसिले में जोधपुर सेन्ट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाएगी। कानून और व्यवस्था के लिए आसाराम के अनुयायियों को खतरा मानते हुए पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
डीजीआई ( जेल ) विक्रम सिंह ने बताया, ‘‘हमने फैसला सुनाये जाने के दिन के लिए सभी प्रबंध किए हैं। जेल परिसर में अदालत कक्ष में अदालत के कर्मचारियों सहित मजिस्ट्रेट, आसाराम और सह आरोपी , बचाव एवं अभियोजन पक्ष के वकील मौजूद रहेंगे।’’ विशेष अदालत में एससी / एसटी मामलों पर सात अप्रैल को अंतिम दलीलें पूरी हुयी थी और अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 25 अप्रैल की तारीख निर्धारित की थी।
जोधपुर जेल के हॉल में लगेगी अदालत
जेल का हॉल कोर्ट रूम के लिए तैयार है। यह वही हॉल हैं जहां 31 साल पहले टाडा कोर्ट बनी थी और कठघरे में अकाली नेता गुरचरण सिंह टोहरा खड़े थे। वहीं आसाराम और उनके चार साधक भी अपना फैसला सुनेंगे। जेल में फैसला सुनाने के देश में चंद उदाहण हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए तिहाड़ जेल में अदालत लगी थी। उसके बाद आतंकी अजमल आमिर कसाब को सजा सुनाने के लिए मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में अदालत लगी थी। हरियाणा के सुनारिया जेल में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाने के लिए अदालत लगी थी।
आश्रम में पढ़नेवाली लड़की ने लगाया था रेप का आरोप
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी लड़की की शिकायत पर आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के मनाई इलाके में स्थित अपने आश्रम में उसे बुलाया और 15 अगस्त 2013 की रात में उसके साथ बलात्कार किया। आसाराम को इंदौर में गिरफ्तार किया गया और एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया। वह दो सितंबर 2013 से न्यायिक हिरासत में हैं।
किसी को भी जेल परिसर के करीब आने की अनुमति
जोधपुरी डीसीपी ( पूर्व ) अमन दीप सिंह ने बताया, ‘‘ हमने 21 अप्रैल से शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है और यह 30 अप्रैल तक जारी रहेगी। इसके अलावा , हम शहर में आसाराम के आश्रमों पर करीबी नजर रख रहे हैं और सभी होटलों और अतिथिशालाओं के साथ - साथ बसस्टैंड और रेलवे स्टेशनों की जांच कर रहे हैं।’’ सिंह ने बताया , ‘‘ हम फैसला सुनाये जाने के दिन जेल को सील कर देंगे और किसी को भी जेल परिसर के करीब आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ’’
केन्द्र ने तीन राज्यों से सुरक्षा कड़ी करने को कहा
केन्द्र ने कथावाचक आसाराम बापू के खिलाफ जोधपुर की एक अदालत से कल फैसला सुनाए जाने से पूर्व राजस्थान , गुजरात और हरियाणा को सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा है। गृह मंत्रालय ने एक संदेश जारी कर तीनों राज्यों से सुरक्षा मजबूत करने को कहा है । साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि अदालत के आदेश के बाद कोई हिंसा नहीं फैले। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों राज्यों से संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त बल तैनात करने के लिए कहा गया है। इन तीन राज्यों में बड़ी संख्या में लोग आसाराम के भक्त हैं। गृह मंत्रालय का यह परामर्श डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के जुर्म में सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा , पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर भेजा गया है।
शाहजहांपुर में पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ाई गयी
आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म के एक मामले में कल 25 अप्रैल को आने वाले जोधपुर अदालत के फैसले के मद्देनजर यहां जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया है और सीसीटीवी कैमरे समेत अन्य तरीकों से आसाराम के अनुयायियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस अधीक्षक के. बी.सिंह ने आज बताया कि 25 अप्रैल को आसाराम के खिलाफ मामले में फैसला आ रहा है, जिसके चलते यहां कथित पीड़िता के घर पर 2 पुलिसकर्मियों की अलग से ड्यूटी बढ़ा दी गई है। इससे पूर्व वहां पर पांच पुलिस कर्मियों की तैनाती थी। साथ ही घर के बाहर सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। इसके अलावा बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन पर भी पूरी तरह निगरानी रखी जा रही है तथा बाहर से आने वाले संदिग्ध लोगों की तलाशी लेकर पूछताछ की जा रही है । सिंह ने बताया कि शहर में स्थित होटलों को भी निर्देश दिए गए हैं कि बाहर से आने वाले व्यक्ति की पूरी जांच पड़ताल करके ही उसे ठहराएं तथा कोई संदिग्ध मिलने पर पुलिस को सूचित करें। आसाराम के शाहजहांपुर स्थित रुद्रपुर आश्रम पर भी नजरें रखी जा रही हैं।
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