उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस समेत 7 विपक्षी दलों के महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस फैसले पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि इस फैसले पर कानून के जानकारों से बात कर राय ली जाएगी।
कांग्रेस नेता पीएन पुनिया ने कहा, ‘यह गंभीर मामला है। हमें नहीं पता कि प्रस्ताव क्यों खारिज किया गया। पार्टी कानूनी जानकारी लेने के बाद आगे कदम उठाएगी।’ वहीं, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘उम्मीद के अनुसार, श्री नायडू ने महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया है। उम्मीद नहीं थी, कि वह ऐसा सिर्फ एक दिन में ही करेंगे। उम्मीद है कि चीफ जस्टिस के प्रशासनिक कार्यों में कोई अड़चन न आए, इस फैसले के पीछे तत्परता का उद्देश्य यह नहीं होगा।’
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा, ‘क्या! वीपी नायडू ने चीफ जस्टिस के खिलाफ 64 सांसदों के हस्ताक्षर होने के बाद भी महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया है! किस आधार पर? उन्हें आरोपों के पीछे तथ्य नहीं हैं, ऐसा कहने अधिकार नहीं है। यह 3 जजों की कमिटी के लिए जांच का विषय है। उन्हें सिर्फ यह देखना है कि क्या जरूरी 50 सांसदों के हस्ताक्षर हैं या नहीं।’
प्रशांत भूषण ने यह भी कहा कि यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। भूषण ने कहा, ‘चीफ जस्टिस को बचाने के लिए मोदी सरकार दबाव में काम कर रही है।’ बता दें कि प्रशांत भूषण चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। दूसरी तरफ बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि उपराष्ट्रपति ने यह फैसला लेने में 2 दिन का वक्त लगा दिया। उन्हें यह प्रस्ताव तत्काल खारिज कर देना चाहिए था। कांग्रेस ने ऐसा कर अपनी खुदकुशी की है।
No comments:
Post a Comment