आज से करीब 19 साल पहले, तारीख थी 29 अप्रैल 1999 दिल्ली के एक रेस्त्रां में जेसिका लाल की गोली मारकर इसलिए हत्या कर दी गई. क्योंकि उन्होंने उस समय के एक कद्दावर नेता के बिगड़े बेटे को शराब देने से मना कर दिया. उस नेता के बिगड़े बेटे का नाम मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वशिष्ठ है. पिछले 15 साल से वो इस जुर्म के लिए सजा काट रहा हैं. उसे इस जुर्म के लिए आजीवन कारवास की सजा हुई थी.
जिसने उस आरोपी को सजा दिलवाई अब उसने ही दे दी माफ़ी
जिसने जेसिका के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए हर संभव कोशिश की. उस समय के एक प्रभावशाली नेता की हैसियत रखने वाले नेता से अपनी जान की बाजी लगा के लड़ी. अब उन्होंने उस हत्यारे को माफ़ कर दिया है, यहां बात जेसिका लाल की बहन सबरीना लाल की हो रही है.
उन्होंने मनु शर्मा को माफ़ करने के लिए तर्क दिए:
मैंने अपनी बहन के हत्यारे मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वशिष्ठ को माफ कर दिया है. उन्होंने तिहार जेल को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें मनु शर्मा के जेल से छोड़े जाने पर कोई दिक्कत नहीं है. उन्हें बताया गया है कि मनु बीते वक्त में चैरिटी और कैदियों की मदद के लिए जेल में अच्छा काम कर रहा है, और उन्हें लगता है कि ये बदलाव की तस्वीर है, पिछले महीने सेंट्रल जेल नं.2 के वेलफेयर ऑफिसर के पत्र का जवाब देते हुए सबरीना ने लिखा है, चूंकि उसने 15 साल की सजा काट ली है, इसलिए मुझे उसके जेल से छोड़े जाने पर कोई ऐतराज नहीं है.
दिसंबर 2006 में मनु शर्मा को हुई थी आजीवन कारावास
गौरतलब है की, दिसंबर 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का आदेश पलटकर 1999 में हुई हत्या के मामले में मनु शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस मामले पर देश पर में प्रदर्शन हुए थे और इंसाफ की मांग की गई थी. मनु शर्मा 15 साल जेल में रह चुके हैं. पिछले छह महीने से वह ओपन जेल में हैं. वे ‘अच्छे काम, अनुशासन और आचरण’ में रहने की वजह से 5 साल की छूट की मांग कर सकते हैं.
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