पंचकूला : हरियाणा के बहुचर्चित 'अपना घर' मामले में आज पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट में मुख्यारोपी जसवंती देवी, जय भगवान अौर सतीश को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जबकि जसवंत को सात साल की सजा हुई।
18 अप्रैल को कोर्ट ने दोषियों में जसवंती के अलावा उसका भाई जसवंत, बेटी सुषमा ऊर्फ सिम्मी, दामाद जय भगवान, चचेरी बहन शीला, सहेली रोशनी, ड्राइवर सतीश, कर्मचारी रामप्रकाश सैनी, काउंसलर वीना शामिल हैं। इस केस में रोहतक की पूर्व बाल विकास परियोजना अधिकारी अंग्रेज कौर हुड्डा को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि 8 मई 2012 को अपना घर के नाम से चल रहे अनाथालय में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने छापा मारा था। यह कार्यवाही यहां से लापता हुई तीन लड़कियों के दिल्ली में पकड़े जाने पर हुई थी। छापे के बाद अपना घर की संचालिका जसवंती व अन्य के खिलाफ, देह व्यापार, शोषण, मारपीट व मानव तस्करी आदि के मामले दर्ज किए गए थे।
उल्लेखनीय है कि 8 मई 2012 को अपना घर के नाम से चल रहे अनाथालय में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने छापा मारा था। यह कार्यवाही यहां से लापता हुई तीन लड़कियों के दिल्ली में पकड़े जाने पर हुई थी। छापे के बाद अपना घर की संचालिका जसवंती व अन्य के खिलाफ, देह व्यापार, शोषण, मारपीट व मानव तस्करी आदि के मामले दर्ज किए गए थे।
हरियाणा पुलिस की शुरुआती जांच के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। अगस्त 2012 को चालान में सीबीआइ ने जसवंती देवी को मामले का मुख्य आरोपित बनाया था। ट्रायल के दौरान आरोपितों पर दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, अनैतिक तस्करी, चोट, गंभीर चोट, छेड़छाड़, महिला की सहमति के बिना गर्भपात, अवैध अनिवार्य श्रम और बच्चों के साथ क्रूरता पर दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दी थी। इस मामले में अंतिम बहस 14 फरवरी से शुरू हुई थी।
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