जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें- प्रभारी मंत्री श्री सिंह जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न
नरसिंहपुर | लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री और नरसिंहपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले में जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी टीम भावना से कार्य कर हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं में लाभांवित करें। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कार्य करने का सही समय है। उन्होंने कहा कि तालाब गहरीकरण, तालाबों पर अतिक्रमण हटाने का कार्य, स्टाप डेम आदि के कार्य किये जायें, जिससे उनमें जल संचय हों।
बैठक में जिले में नल-जल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, विद्युत व्यवस्था, गेहूं, चना व मसूर आदि उपार्जन की समीक्षा सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रदेश के आयुष, कुटीर एवं ग्रामोद्योग (स्वतंत्र प्रभार) और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री जालम सिंह पटैल, सांसद राव उदय प्रताप सिंह, राज्य सभा सांसद कैलाश सोनी, विधायक गोविंद सिंह पटैल व संजय शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष संदीप पटैल व उपाध्यक्ष शीलादेवी ठाकुर, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष वीरेन्द्र फौजदार, कलेक्टर अभय वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन, अपर कलेक्टर जे समीर लकरा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार, समिति के अन्य सदस्यगण और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में प्रभारी मंत्री ने जानकारी दी कि जिले में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आगमन आगामी 9 मई को प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये जायेंगे। जिला योजना समिति की बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं पर भी पेयजल की दिक्कत नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि पीएचई का पूरा अमला सजग और सतर्क रहकर कार्य करें। बिगड़े हैंडपंपों को शीघ्रता से सुधारा जाये। कहीं पर भी नल-जल योजनायें बंद नहीं रहे।
बैठक में पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री आरडी चौरे ने बताया कि जिले में 321 नल-जल प्रदाय योजनायें चालू हैं। इसी प्रकार जिले में 2 लाख से 5 लाख रूपये तक की लागत वाले 106 योजनाओं के लिए ग्राम पंचायतों को 156 लाख रूपये की राशि प्रदाय की गई थी, जिसमें से ग्राम पंचायतों द्वारा 99 नल-जल योजनाओं का सुधार कार्य कर लिया गया है।
जिले में मुख्यमंत्री नल-जल प्रदाय योजना के अंतर्गत प्रत्येक विकासखंड में एक हजार से अधिक आबादी वाले सामान्य एवं 500 से एक हजार की आबादी वाले अनुसूचित जाति-जनजाति के 8-8 ग्रामों का चयन किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में कुल 24 योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इनकी निविदायें भी आमंत्रित की गई हैं, जिनमें से 4 ग्राम की निविदायें स्वीकृत हो गई हैं। प्रभारी मंत्री ने कहा कि तेंदूखेड़ा क्षेत्र के जिन ग्रामों में पेयजल की दिक्कत आ रही है, उसे शीघ्रता से दूर किया जाये। वहां पेयजल की व्यवस्था बनाई जाये।
बैठक में गेहूं उपार्जन की समीक्षा के दौरान जिला आपूर्ति अधिकारी ने अवगत कराया कि जिले में गेहूं उपार्जन हेतु 64 खरीदी केन्द्रों का निर्धारण किया गया है। जिले में कुल 27 हजार 864 कृषकों का पंजीयन किया जा चुका है। 25 अप्रैल तक 8797 किसानों से 60 हजार मे. टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। जिसमें से 90 प्रतिशत का परिवहन और किसानों को राशि का भुगतान भी किया जा चुका है। प्रभारी मंत्री ने उपार्जन सुव्यवस्थित रूप से करने के निर्देश दिये। चना, मसूर और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी में जिले में 51 हजार 622 कृषकों ने पंजीयन कराया है।
जिले के 15 खरीदी केन्द्रों द्वारा खरीदी का कार्य किया जा रहा है। जिले की 5 कृषि उपज मंडी में समितियां खरीदी का कार्य कर रही है। 25 अप्रैल तक 1856 किसानों से 19 हजार 759 क्विंटल चना, 680 किसानों से 4 हजार 409 क्विंटल मसूर और 5 किसानों से 29 क्विंटल सरसों की खरीदी की जा चुकी है। प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को किसानों के भुगतान में तेजी लाने के निर्देश दिये। विद्युत विभाग की समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री ने दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना का जिले में बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यदि कहीं ट्रांसफार्मर जल जाते हैं, तो शीघ्रता से बदलने की कार्रवाई की जाये। प्रभारी मंत्री ने मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प योजना के क्रियान्वयन गति लाने के निर्देश भी दिये।
बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले की सराहना की। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2017-18 में आवास पूर्ण करने में जिला प्रदेश में 5 वें स्थान पर और वर्ष 2018-19 आवास आवंटन करने में पहले स्थान पर है। बैठक में सुगर मिलों द्वारा जिले में गन्ना किसानों के समय पर भुगतान नहीं होने के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। समिति के सदस्यों ने कहा कि गन्ना किसानों को उनकी पूरी राशि प्राप्त हो। प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शीघ्र भुगतान के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। कलेक्टर अभय वर्मा ने जानकारी दी कि इस वर्ष जिले में सभी सुगर मिलों द्वारा साढ़े 600 करोड़ रूपये की गन्ना पिराई हुई है। जिसमें से 425 करोड़ रूपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। बाकी का भुगतान होना है। समिति के अन्य सदस्यों ने भी बैठक में अपने-अपने विचार रखे।
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