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अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की शक्ल अच्छी नहीं लगती है इसलिए वे उनसे मिलना नहीं चाहते हैं. अगर राहुल उनके यहां उनसे मिलने आ गए तो वे उनसे ऐसे मिलेंगे जैसे एक आम आदमी से मिलते हैं. वे राहुल का खास स्वागत नहीं करेंगे जैसा उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का किया था. बल्कि वे तो चाहते हैं कि अगर राहुल गांधी उनसे मिलने आये तो अन्य सभी की तरह वो भी लाइन में लगकर उनसे मिले.
गौरतलब है कि गायत्री परिवार प्रमुख के भाजपा अध्यक्ष को समर्थन न देने की बात सामने आने पर ये माना जा रहा था कि जल्द ही कांग्रेस के धुरंधर उनसे संपर्क साधने की कोशिश करेंगे. आखिर सवाल प्रत्यक्ष रूप से 15 करोड़ और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 25 करोड़ लोगों के जुड़े होने का है और 2019 के आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर इस परिवार के सभी सदस्यों को वोट बैंक के तौर पर दोनों ही बड़ी पार्टियों ने अपनी नज़र गड़ाई हुई है. ऐसे में ये माना जा रहा था कि जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष गायत्री परिवार प्रमुख से मुलाक़ात का कार्यक्रम भी बना सकते हैं. शायद अब ये संभव न हो सके जिस तरह का बयान पंड्या ने आज दिया है कम से कम उसके बाद तो यही माना जा सकता है.
पंड्या ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का शांतिकुंज में स्वागत किया था मगर जब अमित शाह ने 2019 के चुनाव के लिए सपोर्ट मांगा तो सपोर्ट करने का आश्वासन न देकर उन्होंने कहा था कि वो फतवा जारी नहीं करेंगे. भाजपा के समर्थन में अपने समर्थकों को विवेक के आधार पर वोट देने का संदेश देंगे. मगर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिलने के बाद उनके सुर न केवल भाजपा के लिए बदल गए बल्कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दे दिया है. जिससे अब यह सन्देश जा रहा है कि भाजपा के प्रति उनकी नाराजगी खत्म हो चली है.
गायत्री परिवार प्रमुख पंड्या के कहने पर करोड़ों लोग वोट कर सकते हैं. ऐसे में पंड्या को भाजपा ज्यादा देर तक नाराज नहीं रहने दे सकती थी. शायद यही वजह है कि मोहन भागवत विशेष रूप से गायत्री परिवार प्रमुख से मिले, जिसके बाद उनकी नाराजगी अब दूर होती दिखाई दे रही है.
नमामि गंगे परियोजना के कार्यों को लेकर पंड्या ने कहा कि हम लोग कोई टाईअप करते भी हैं तो हम किसी तरह के आर्थिक सहयोग की अपेक्षा नहीं करते हैं. बिना अपेक्षा के पूरा सहयोग करते हैं. अभी भी करेंगे, जहां-जहां बड़ी फैक्ट्री है उनका वेस्ट जाता है. पर्यावरण के लिए जनचेतना को जाग्रत करना होगा और इस कार्य को हम सबको मिलकर करना होगा. राम मंदिर मामला कोर्ट में है. कोर्ट का फैसला जैसे ही आएगा, उसके तुरंत बाद हम सब बैठेंगे और जरूरत मुताबिक फैसले भी होंगे.
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