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जबलपुर. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के विकास और समृद्धि के साथ उनके गौरवपूर्ण इतिहास, परम्परा, बलिदान, संस्कृति को अक्षुण्ण रखेगी। मुख्यमंत्री जबलपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती के 455वें बलिदान दिवस पर समाधि स्थल के समीप टी.एफ.आर.आई. नीमखेड़ा में आयोजित विशाल आदिवासी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आदिवासी नायकों ने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया तथा देश और समाज को नेतृत्व प्रदान किया। वीरांगना रानी दुर्गावती ने जहां एक ओर राज्य की स्वतंत्रता और स्वाभिमान की रक्षा के लिये बलिदान दिया वहीं 15 वर्ष के शासनकाल में प्रजा के लिये जनहित के कल्याणकारी कार्य कराये, जिसके चिन्ह आज भी जबलपुर सहित अनेक स्थानों में देखे जा सकते हैं, जो प्रेरणा देते हैं। उन्होंने बड़ी संख्या में जल संरक्षण के लिये तालाबों का निर्माण कराया। धर्म शालायें बनवाई। उन्होंने कहा रानी दुर्गावती शौर्य की जीवन्त प्रतीक हैं। आज उनके बलिदान को पूरा देश याद कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगना रानी के जन्म दिवस के अवसर पर हर वर्ष तीन दिनों तक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जो युवा पीढ़ी को बलिदान और स्वाभिमान की रक्षा के लिये प्रेरित करेंगे। जबलपुर के डुमना विमानतल का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर करने के लिये मध्य प्रदेश विधानसभा के सत्र में राज्य शासन की ओर से प्रस्ताव रखा जायेगा, जो पारित होकर केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा।
रानी दुर्गावती के समाधि स्थल के समीप 10 एकड़ शासकीय भूमि में वीरांगना रानी के नाम से भव्य स्मारक बनाया जायेगा। मण्डला जिले के रामनगर में आदिवासी संग्रहालय बनेगा। जिसमें आदिवासी समाज की गौरवपूर्ण परम्परा, संस्कृति, इतिहास को सहेज कर रखा जायेगा। मुख्यमंत्री ने भोपाल स्थित आदिवासी संग्रहालय का उल्लेख करते हुए कहा कि आदिवासी बन्धुओं को संग्रहालय का भ्रमण कराया जाय। ताकि आदिवासियों के लिये किये गये सरकार के प्रयासों से वे अवगत हो सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रत्येक गरीब आदिवासी परिवार को आवासीय भूमि का पट्टा मिलेगा और अगले चार वर्षों में क्रमश: सभी को पक्का मकान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वन भूमि में 2006 तक काबिज वनवासी आदिवासियों को वनाधिकार पट्टे दिये जायेंगे। उन्हें काबिज वन भूमि का मालिक बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौभाग्य योजना के अन्तर्गत घर-घर बिजली पहुंचायी जा रही है। दिसंबर 2018 तक प्रत्येक आदिवासी परिवार के घर तक बिजली पहुंचा दी जायेगी। गरीब परिवार को राज्य सरकार ने बड़े बिजली बिलों से मुक्ति दिलायी है।जुलाई माह में गाँव में बिजली बिल से संबंधित शिविर लगेंगे जिसमें गरीब परिवार के घरों के बिल शून्य किये जायेंगे। इसके बाद उन्हें 200 रूपये प्रतिमाह फ्लेट दर पर बिजली बिल ही देना होगा।
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना का जिक्र करते हुए कहा कि गरीब आदिवासी परिवार के घर में मृत्यु होने पर दो लाख रूपये, दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाख रूपये दिये जायेंगे। अंतिम संस्कार के लिये पांच हजार रूपये दिये जायेंगे। उन्होंने योजना के तहत पंजीयन के लिये शेष रह गये परिवारों का पंजीयन कराने के लिये प्रशासन को निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों का गठन किया जा रहा है और आजीविका के कार्यों तथा बैंकों से जोड़कर स्वरोजगार को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने मण्डला-डिण्डौरी आदि अन्य क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर रहे महिला स्वसहायता समूहों का उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि आदिवासियों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली आये। सरकार राज्य बजट का बड़ा हिस्सा आदिवासियों, गरीबों के कल्याण एवं विकास के लिये व्यय कर रही है। उन्होंने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती, महिला सशक्तीकरण के लिये प्रेरणा स्वरूप है। राज्य सरकार ने भी महिलाओं को आत्म-निर्भर, सशक्त बनाने और उनके सम्मान की रक्षा के लिये भागीरथ प्रयास किये हैं। दुराचार करने वालों के लिये कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने बेटा-बेटी को जरूर पढ़ाने पर जोर दिया तथा कहा कि उनकी पढ़ाई में होने वाला पूरा खर्च सरकार उठा रही है तो चिन्ता किस बात की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि महिलाओं को शिक्षा विभाग की शासकीय पदों की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि महिलाओं को शिक्षा विभाग की शासकीय पदों की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
सांसद राकेश सिंह ने रानी दुर्गावती के बलिदान का स्मरण करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि जबलपुर अंचल रानी दुर्गावती की कर्मभूमि रहा है। वे आदिवासियों समेत सभी देशवासियों की आस्था और गौरव का केन्द्र रही हैं। रानी दुर्गावती महिलाओं की अस्मिता और शक्ति का प्रतीक हैं। उन्होंने जबलपुर हवाई अड्डे का नामकरण रानी दुर्गावती के नाम पर करने की बात कही। श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं।
पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री एवं सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने आदिवासी महापुरूषों की स्मृति को बनाये रखने के लिए उनके नाम पर अनेक अवार्ड देने की शुरूआत कर सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने भारतीय इतिहास में आदिवासियों के योगदान को अक्षुण्ण रखने के लिए गौंड़वाना क्षेत्र के आदिवासी महापुरूषों के इतिहास को संकलित करने पर जोर दिया, ताकि पूरी दुनिया उनके महत्व को बेहतर तरीके से समझ सकें।
पुस्तक का विमोचन:
मुख्यमंत्री ने “रानी दुर्गावती एक बलिदान गाथा” पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक शंकरदयाल भारद्वाज ने लिखी है। मुख्यमंत्री ने श्री भारद्वाज का शाल श्रीफल देकर सम्मान किया।
मुख्यमंत्री को तलवार-ढाल भेंट:
मध्यप्रदेश जनजाति संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बड़ी फूल माला पहनाई और तलवार-ढाल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद संपतिया उईके, विधायक सुशील तिवारी, श्रीमती प्रतिभा सिंह व नंदिनी मरावी, मनोनीत विधायक एल.बी. लोबो, महापौर डॉ. स्वाति सदानंद गोडबोले, जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल, पूर्व मंत्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू, श्री विनोद गोंटिया, पिछड़ावर्ग एवं अल्प संख्यक वित्त तथा विकास निगम के उपाध्यक्ष एस.के. मुद्दीन, जबलपुर कृषि उपज मंडी अध्यक्ष राजाबाबू सोनकर, श्री शिव पटेल, श्री गजेन्द्र पटेल और बड़ी संख्या में आदिवासी महिलायें और पुरूष मौजूद थे।
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