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मध्यप्रदेश के मंदसौर गोलकांड में 5 किसानों को गोली मारने वाले पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को जस्टिस जेके जैन आयोग ने क्लीचचिट दे दी है। 9 महीने देरी से आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन परिस्थितियों में भीड़ को तितर-बितर करने और पुलिस बल की जीवन रक्षा के लिए गोली चालन नितांत आवश्यक और न्यायसंगत था। आयोग ने गोलीकांड में निलंबित हुए कलेक्टर स्वतंत्र कुमार और एसपी ओपी त्रिपाठी को भी सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया है।
केवल इतना भर लिखा है कि पुलिस और जिला प्रशासन का सूचना तंत्र कमजोर और आपसी सामंजस्य भी नहीं होने के कारण आंदोलन उग्र हुआ। इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सांसद और चुनाव प्रचार कमेटी का चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सवाल उठाए है।उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के माध्यम से अन्नदाताओं और उनके परिजनों को न्याय दिलाना तो दूर इस दर्दनाक गोलीकांड को न्यायसंगत बताया जा रहा है।
दरअसल, सिंधिया ने मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के राज में मंदसौर में गत वर्ष 6 किसानों की दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी, लेकिन अन्नदाताओं व उनके परिजनों को न्याय दिलाना तो दूर - इस दर्दनाक गोलीकांड को न्यायसंगत बताया जा रहा हैlउन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश के मुखिया होने के नाते क्या आप उन मृत किसानों के परिवारों को न्याय नही दिलाएँगे?
राजधर्म का पालन कीजिये अन्यथा इतिहास आपको कभी माफ नही करेगा।बता दे कि आयोग ने मुख्य सचिव को बंद लिफाफे में 11 जून को रिपोर्ट सौंपी थी। ये रिपोर्ट 11 सितंबर 2017 को सरकार को सौंपी जानी थी। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल ने इस रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए गृह विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव को दो दिन पहले ही यह रिपोर्ट दी है।
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