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जिस दिन पाकिस्तान को एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की ’ग्रे लिस्ट’ में डालने की ख़बर मिली उसी रोज इसकी विरोधाभासी ख़बर भी आई है. इसके मुताबिक 2017 में स्विस बैंकों में पाकिस्तान का काला धन 21 फ़ीसद कम हो गया है
जबकि भारत का 50 फ़ीसदी के लगभग बढ़ गया है. यहीं यह भी बताते चलें एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में उन देशों को रखा जाता है कि जो आतंक की फंडिंग और काले धन को सफेद करने की क़वायद पर लगाम लगाने में नाकाम रहते हैं.
बहरहाल स्विस नेशनल बैंक (स्विट्ज़रलैंड का केंद्रीय बैंक) की 28 जून काे जारी आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक स्विस बैंकों में भारत का पैसा 2017 में 1.01 अरब स्विस फ्रैंक्स (सीएचएफ- स्विट्ज़रलैंड की मुद्रा) बढ़ गया है. भारतीय मुद्रा में इसका मूल्य लगभग 7,000 करोड़ रुपए होता है.
बताया जाता है कि बीते चार साल में पहली बार भारतीय काले धन में यह बढ़त देखी गई है. जबकि इससे पहले लगातार तीन साल तक स्विस बैंकों में जमा कराए जाने वाले भारतीय काले धन में कमी दर्ज़ की गई थी. रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर से स्विस बैंकों में आए काले धन में 2017 में तीन फ़ीसदी की बढ़त हुई है. यह लगभग 1.46 लाख सीएचएफ या 100 लाख करोड़ रुपए के आसपास होता है.
इसी रिपोर्ट के हवाले से सामने आई एक अन्य ख़बर के मुताबिक स्विस बैंकों में पाकिस्तान का काला धन 2017 में 21 फ़ीसद तक कम हुआ है. यह रकम 1,115 अरब सीएचएफ होती है. जबकि पाकिस्तानी रुपए में 135 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा. यह लगातार दूसरा साल है जब स्विस बैंकों में पाकिस्तानी का काला धन कम हुआ है.
इससे पहले 2016 के दौरान इसमें छह फ़ीसदी की कमी दर्ज़ की गई थी. हालांकि इस कमी के बावज़ूद दूसरा तथ्य यह भी है कि अब स्विस बैंकों में भारत के मुकाबले पाकिस्तान का ही काला धन अधिक जमा है.
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