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नई दिल्ली/लखनऊ: पासपोर्ट केंद्र में धर्म को लेकर हुए विवाद में कई मोड़ आते जा रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शी ने जब तन्वी सेठ के आरोपों को झूठ बताया. तो मीडिया ने भी तहकीकात शुरू कर दी और तहकीकात के बाद जो तस्वीर सामने आई, वो हैरान करने वाली थी. मीडिया के हाथ तन्वी सेठ से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज लगे. इन दस्तावेजों में तन्वी का झूठ सामने आया. तन्वी सेठ के आधार कार्ड और निकाह नामे दोनों में मान अलग-अलग लिखा है. दस्तावेजों के मुताबिक, आधार कार्ड पर उनका नाम तन्वी सेठ लिखा है, वहीं निकाह नामे तन्वी सेठ की जगह उनका नाम सादिया लिखा हुआ है.
ये मामला तब फिर सुर्खियों में छाया, जब पासपोर्ट ऑफिसर ने अपना पक्ष मीडिया के सामने रखा. आरोपी पासपोर्ट कर्मचारी विकास मिश्रा ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी, उन्होंने कहा, 'जो कागज एप्लीकेंट देते हैं. उन्हें एक पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. इन कागजों के आधार पर फैसला लेना होता है कि पासपोर्ट दिया जाना चाहिए या नहीं'. उन्होंने कहा, 'मैंने तन्वी से केवल इतना कहा कि आप निकाहनामा में अपना नाम जो दिखा रही हैं, उसे फाइल में दिखाएं. इसके लिए उन्होंने मना कर दिया'.
आरोपी पासपोर्ट ऑफिसर विकास मिश्रा ने कहा,' कल को कोई भी शख्स किसी भी नाम से पासपोर्ट बनवा लेगा तो क्या ये देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं होगा'. आरोपी कर्मचारी ने मीडिया को बताया किउनकी तन्वी के पति से कोई बात नहीं हुई, उन्होंने कहा कि अगर मेरी कोई बात होती तो मैं उन्हें अपने अधिकारियों के पास क्यों भेजता.
उन्होंने कहा कि उन्होंने जाति और धर्म के नाम पर कोई टिप्पणी नहीं की थी, विकास कहते हैं कि उन्होंने खुद इंटरकास्ट मैरिज की है, वो जाति,धर्म में भेदभाव नहीं करते. उन्होंने बताया कि तन्वी के निकाहनामे में उनका नाम सादिया दर्ज था, जबकि दूसरे कागजात में नाम तन्वी सेठ लिखा हुआ था. ऐसे में उन्होंने तन्वी से कहा कि एक प्रार्थना पत्र लिखकर दें, ताकि नाम इंडोर्स किया जा सके. विकास ने कहा कि तन्वी इस पर राजी नहीं हुईं और बहस करने लगीं जिसके बाद उन्होंने फाइल अपने सीनियर को भेज दी.
आरोपी पासपोर्ट ऑफिसर विकास मिश्रा के मीडिया में पक्ष रखने के बाद सोशल मीडिया पर उनके सपोर्ट में हजारों लोग उतरे, जिसके बाद मामले ने फिर तूल पकड़ा. आपको बता दें, बुधवार (20 जून), उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक दंपत्ति ने पासपोर्ट ऑफिसर के खिलाफ आरोप लगाया कि उन्होंने उनका पासपोर्ट इसलिए खारिज कर दिया, क्योंकि वो दोनों अलग-अलग धर्म से है. दंपत्ति ने केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और पीएमओ को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है और मामले में दखलअंदाजी की मांग की है. विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर सख्ती दिखाई है. मामला सामने आने के बाद पासपोर्ट ऑफिसर का ट्रांसफर कर दिया गया है. इसके साथ ही कार्यालय ने इस मामले पर पासपोर्ट कार्यालय से रिपोर्ट भी मांगी है और दंपत्ति को पासपोर्ट भी दे दिया गया.
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