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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि मासूम बालिकाओं से दुराचार के मामलों में दुराचारियों को फांसी की सजा सुनिश्चित करवाई जाये। इसके लिये प्रकरणों की लगातार मॉनिटरिंग की जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहां मंत्रालय में हुई कानून-व्यवस्था संबंधी उच्च-स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिये। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह और पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दुराचार के दुर्भाग्यपूर्ण मामलों में पुलिस ने अपराधियों के विरुद्ध तेजी से कार्रवाई की है। सागर के प्रकरण में 42 दिन में निचली अदालत से फांसी की सजा दिलवायी गई। इस तरह के प्रकरणों को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लगातार फालोअप कर सजा सुनिश्चित करवायी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के प्रकरणों के संबंध में हर पन्द्रह दिन में वे स्वयं समीक्षा करेंगे।
छोटे और साधारण अपराधों से जुड़े मामले वापस होंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में निर्देश दिये कि प्रदेश में छोटे और साधारण अपराधों से जुड़े गरीब और कमजोर वर्गों के मामले वापस लेने के प्रक्रिया शुरु करें। इस संबंध में सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये जायें। उन्होंने कहा कि आगामी 31 जुलाई तक इस तरह के मामलों की सूची सभी जिलों में तैयार की जाये।
शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिये कार्यक्रम 14 अगस्त को
श्री चौहान ने कहा कि आगामी 14 अगस्त को प्रदेश में कर्तव्यों का निर्वहन करते हुये शहीद होने वाले सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शूरवीरों के परिवारों से मिलकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाये। कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाये। इससे शहीदों के प्रति समाज में सम्मान व्यक्त होगा और आमजनों में देश भक्ति का भाव पैदा होगा। कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद और वरिष्ठ अधिकारी जायेंगे। इस कार्यक्रम का समन्वय गृह विभाग और सैनिक कल्याण विभाग मिलकर करेंगे।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में दुराचार के 9 प्रकरणों में निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनायी गई है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव गृह श्री मलय श्रीवास्तव, अपर पुलिस महानिदेशक श्री राजीव टंडन और श्री आदर्श कटियार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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