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यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के पीछे कुख्यात बदमाश सुनील राठी का नाम सामने आ रहा है। उसे हाल ही में रुड़की जेल से बागपत शिफ्ट किया गया था। उसने रुड़की में अपनी जान का खतरा बताया था।
उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में आतंक का पर्याय बना सुनील राठी पिता की हत्या के बाद अपराधी बना। करीब 11 साल पहले पिता नरेश राठी की बिजरौल भट्ठे के पास हत्या कर दी गई थी। रंजिश में हुई पिता की हत्या के बाद सुनील अपराधी बन गया और विरोधियों का सफाया किया। इसके बाद सुनील का खौफ कायम हो गया।
पूरा परिवार अपराध जगत में सक्रिय है
सुनील ही नहीं उसका पूरा परिवार अपराध जगत में सक्रिय है। मां राजबाला देवी पूर्व चेयरपर्सन टीकरी रही है और बसपा से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वर्तमान में राजबाला देवी रुड़की जेल में ही बंद हैं। रुड़की जेल के बाहर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने के बाद सुर्खियों में आए सुनील राठी ने रुड़की जेल के बाहर भी कुछ इसी तरह की वारदात को अंजाम दिलाई थी।
चार साल पहले रुड़की जेल के गेट पर चीनू पंडित से गैंगवार में राठी के गुर्गों ने एके-47 से गोलियां बरसाईं थी और तीन लोगों को कत्ल कर डाला था। पांच अगस्त 2014 को चीनू की जेल से शाम के समय रिहाई हो रही थी। इसी दौरान सुनील राठी के गुर्गों ने एके-47 और 9 एमएम की पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। तीन लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि सात लोग घायल हुए थे। इस वारदात में चीनू की ओर से सुनील राठी और उसके खास सुशील राठी, देवपाल राणा, सतीश राणा समेत कई को नामजद कराया था।
पूरा परिवार अपराध जगत में सक्रिय है
सुनील ही नहीं उसका पूरा परिवार अपराध जगत में सक्रिय है। मां राजबाला देवी पूर्व चेयरपर्सन टीकरी रही है और बसपा से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वर्तमान में राजबाला देवी रुड़की जेल में ही बंद हैं। रुड़की जेल के बाहर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने के बाद सुर्खियों में आए सुनील राठी ने रुड़की जेल के बाहर भी कुछ इसी तरह की वारदात को अंजाम दिलाई थी।
चार साल पहले रुड़की जेल के गेट पर चीनू पंडित से गैंगवार में राठी के गुर्गों ने एके-47 से गोलियां बरसाईं थी और तीन लोगों को कत्ल कर डाला था। पांच अगस्त 2014 को चीनू की जेल से शाम के समय रिहाई हो रही थी। इसी दौरान सुनील राठी के गुर्गों ने एके-47 और 9 एमएम की पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। तीन लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि सात लोग घायल हुए थे। इस वारदात में चीनू की ओर से सुनील राठी और उसके खास सुशील राठी, देवपाल राणा, सतीश राणा समेत कई को नामजद कराया था।
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