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जबलपुर ब्यूरो चीफ // प्रशांत वैश्य : 7999057770
जबलपुर 16 जुलाई, 2018 कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज ने सीएम हैल्पलाइन में तीन सौ दिन से भी अधिक अवधि से लम्बित विभिन्न विभागों की शिकायतों को लेकर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए सम्बन्धित विभाग प्रमुखों को चेतावनी दी है कि ऐसी शिकायतों का शीघ्र निराकरण न करने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
ऐसे प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने साफ तौर पर कहा कि बिना वाजिब वजह के शिकायतों को लम्बित रखने की प्रवृत्ति नितान्त अवांछनीय है। श्रीमती भारद्वाज आज यहां समय-सीमा बैठक में बोल रहीं थीं। उन्होंने एक शिकायत का जिक्र करते हुए आदिवासी विकास विभाग के वर्ष 2014 में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के एक दिन पहले विभागीय जांच संस्थित किए जाने को समझ से परे बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यवाही इरादतन प्रताड़ना का संदेह पैदा करती है।
कलेक्टर ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पी.के.सिंह को चेतावनी दी कि प्रकरण का एक सप्ताह के भीतर हर हाल में निराकरण कराएं अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें। तीन सौ दिन से अधिक समय से लम्बित शिकायतों के मामलों में जिन विभागों के अधिकारियों से जवाब तलब किया गया उनमें जल संसाधन, कौशल विकास, वन विभाग, सामाजिक न्याय सहित अन्य विभाग शामिल थे। वन विभाग में एल-4 स्तर पर लम्बित शिकायतों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि भुगतान सम्बन्धी शिकायतों के निराकरण की बाबत् पड़ताल की जाएगी।
बैठक में श्रीमती भारद्वाज ने विभिन्न विभागों की एल-1 एवं एल-2 स्तर पर लम्बित शिकायतों की भी समीक्षा की। उन्होंने ताकीद की कि सम्बन्धित अधिकारी इन लम्बित शिकायतों का अविलम्ब निराकरण सुनिश्चित करें। इन शिकायतों के एल-3 स्तर पर पहुंचने को गंभीरता से लिया जाएगा। श्रीमती भारद्वाज ने छात्रवृत्ति सम्बन्धी शिकायतों के निराकरण को प्राथमिकता दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने पेयजल व्यवस्था से सम्बन्धित शिकायतों की बड़ी संख्या को भी रेखांकित किया। राज्य शिक्षा केन्द्र से जुड़ी विभिन्न स्तरों पर लम्बित शिकायतों की बड़ी संख्या को लेकर भी कलेक्टर ने नाराजगी जताई।
मिलेनियम वोटर्स निभाएंगे ब्राांड एम्बेसेडर्स की भूमिका बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती भारद्वाज ने निर्वाचन सम्बन्धी तैयारियों को लेकर भी अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2000 को जन्मे बच्चों की पहचान की जाए। ये बच्चे मिलेनियम वोटर्स के रूप में ब्राांड एम्बेसेडर्स के तौर पर अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। इसी प्रकार सौ वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं तथा दिव्यांग मतदाताओं को चिन्हित करने के प्रति भी गंभीरता बरती जाए। कलेक्टर ने कहा कि युवा वर्ग के नवमतदाताओं का मतदान प्रक्रिया में भाग लेना सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
18 वर्ष व इससे अधिक आयु के नवमतदाता छूटने नहीं चाहिए। श्रीमती भारद्वाज ने निर्वाचन सम्बन्धी अधोसंरचना को लेकर अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि 15 दिन बाद उनके द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने संभावित जोनल अधिकारियों को अपनी भूमिका का सजगतापूर्वक निर्वहन करने को कहा। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि मतदान केन्द्रों के बारे में जानकारी ली जाए और सम्बन्धित क्षेत्र के लोगों से पहुंच सम्बन्धी तथा अन्य संभावित दिक्कतों का फीडबैक हासिल किया जाए। जोनल अधिकारियों से अपेक्षित है कि वे अभी से फील्ड में पहुंचकर निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े मसलों पर सतत् रूप से ध्यान केन्द्रित रखें। बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की।
उन्होंने पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, उद्योग, आदिवासी विकास, अन्त्यावसायी तथा शहरी विकास अभिकरण से जुड़ी योजनाओं में प्रकरणों की स्वीकृति और वितरण की बाबत् समीक्षा की। कलेक्टर ने शहरी विकास अभिकरण की परफॉर्मेंस को निराशाजनक करार दिया। नगरीय क्षेत्र में स्वरोजगार एवं आर्थिक कल्याण से सम्बन्धित योजनाओं की समीक्षा में सामने आई स्थिति को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने इस सिलसिले में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास को अवगत कराए जाने की बात कही।
बैठक के दौरान श्रीमती भारद्वाज ने उज्ज्वला योजना से जुड़े विभिन्न मसलों पर सम्बन्धित अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने प्रसव के रजिस्ट्रेशन पर विशेष ध्यान दिए जाने पर जोर देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ताकीद की कि वे इस बारे में सचेत रहें ताकि ऐसी महिलाओं का सम्बल योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीयन कराया जा सके। इस सिलसिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सीईओ जिला पंचायत को निर्देशित किया गया। बैठक में सीईओ जिला पंचायत हर्षिका सिंह और अपर कलेक्टर व्ही.पी. द्विवेदी तथा सभी विभाग प्रमुख मौजूद थे।
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