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ब्यूरो चीफ गाडरवारा // अरुण श्रीवास्तव : 91316 56179
गाडरवारा। जहां एक ओर सरकार द्वारा किसानों को खेती का लाभ का धंधा बनाने की बात तो कही जा रही है वही किसानों के अनाज को खरीदने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा भावांतर योजना की शुरूआत करते हुए आये दिन कहा जाता है कि किसान भाई चिंता न करे उनका अनाज एक एक दाने से खरीदा जावेगा, मगर यह सच्चाई सिर्फ घोषणाओं तक ही सीमित होकर रहते हुए जान पड़ रही है।
क्योंकि अपने अनाज विक्रय करने के लिए जिस प्रकार से किसानों को परेशानियों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है इस बात से शायद किसी को लेना देना नही रह गया है जिसके चलते एक माह पहले किसानों द्वारा विक्रय किये गये अनाज को अब मंडी से बापिस ले जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ज्ञात हो कि बीते हुए मई, जून माह में जब किसानों की मसूर, चना सहित अन्य अनाज की खरीद की जा रही थी।
उस समय किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए जिस प्रकार की परेशानियों का सामना करते हुए देखा गया था वह क्षेत्र के नेताओं से लेकर अधिकारी तक अच्छी तरह से जानते है, किसी भी प्रकार से क्षेत्र के किसानों द्वारा हप्ता हप्ता तक लाईनों में भूखे प्यासे खड़े रहकर अपना माल तो बेच दिया गया है, मगर जब उनके खातों में राशि नही पहुंची तो उन्होने अनाज खरीद किये जाने वाले केन्द्रों से संपर्क किया गया तो वहां पर अधिकारियों द्वारा खुले शब्दों में कहा जा रहा है कि तुम्हारा माल रखा हुआ है.
उसे वापिस ले जाओ अब सबाल यह पैदा हो रहा है कि आखिरकार एक माह बाद किसानों का खरीदा हुआ माल जब खरीद केन्द्रो द्वारा वापिस किया जावेगा तो फिर वह किसान उस माल को बेचेगा कहा कुछ इसी प्रकार की सच्चाई बीते दिवस एक कृषक यादव सिंह कौरव द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को एक आवेदन पत्र देते हुए बताया है कि उसके द्वारा अपनी मसूर बीते हुए 9 जून को अपने पंजीयन के तहत नरवारा उपार्जन केन्द्र में दिया गया था जिसके चलते संस्था द्वारा किसान की मसूर का तौल कराते हुए रख लिया गया।
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