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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले स्थित कुनकुरी थाने में एक आदिवासी लड़की ने शिकायत दर्ज करा बताया है कि उसे नौकरी दिलाने के नाम पर ओड़िशा ले जाया गया और वहां जिस्मफरोशी में धंधे में धकेल दिया गया। यह लड़की किसी तरह बच निकली।
नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार उसने बताया कि वह अकेली नहीं थी, बल्कि 60 और लड़कियां भी उसके साथ थीं, जिन्हें प्लेसमेंट एजेंसी के दलाल नौकरी दिलाने के नाम पर ओड़िशा ले गए थे। वहां इन्हें बेच दिया गया। ग्राम जोकारी निवासी इस लड़की ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि शेष 60 लड़कियां अभी भी वहां फंसी हुई हैं। यह घटना एक ज्वलंत उदाहरण है।
जो बयां कर रही है कि आदिवासी बहुल राज्यों में गरीब आदिवासी लड़कियों को दलाल अपने जाल में फांसने में कामयाब हो जा रहे हैं। शहरों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर इन्हें जिस्म की मंडी में बेच दिया जा रहा है। जशपुर में सक्रिय कुछ एनजीओ की बात पर यकीन करें तो हालात यह हैं कि महज दो से पांच हजार रुपये में लड़कियों को बेच दिया जाता है।
पहले इन्हें इनके जान-पहचान वाले या रिश्तेदार ही चंद रुपयों की लालच में एजेंटों को सौंप देते हैं। फिर एजेंट इन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर शहर ले जाकर बेचते हैं। इसने चंगुल में फंसी लड़की को एक नहीं कई बार बेचा जाता है। झारखंड, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ में यह घिनौना कारोबार धड़ल्ले से जारी है।
जो बयां कर रही है कि आदिवासी बहुल राज्यों में गरीब आदिवासी लड़कियों को दलाल अपने जाल में फांसने में कामयाब हो जा रहे हैं। शहरों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर इन्हें जिस्म की मंडी में बेच दिया जा रहा है। जशपुर में सक्रिय कुछ एनजीओ की बात पर यकीन करें तो हालात यह हैं कि महज दो से पांच हजार रुपये में लड़कियों को बेच दिया जाता है।
पहले इन्हें इनके जान-पहचान वाले या रिश्तेदार ही चंद रुपयों की लालच में एजेंटों को सौंप देते हैं। फिर एजेंट इन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर शहर ले जाकर बेचते हैं। इसने चंगुल में फंसी लड़की को एक नहीं कई बार बेचा जाता है। झारखंड, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ में यह घिनौना कारोबार धड़ल्ले से जारी है।
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