जासूसी के शक में गिरफ्तार सिक्योरेटी एजेंसी मुखिया - 'वकार' के घर से 80 वायरलेस और 2 रिपीटर बरामद
Toc News
भोपाल। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(SIT) ने प्रतिबंधित फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल करने वाले वकार खान के घर और आफिस से शनिवार को बड़ी संख्या में अवैध वायरलेस जब्त किए हैं। 'डिफेंड सिक्योरिटी सर्विसेस' के चीफ वकार खान को पुलिस ने 8 मई को पकड़ा था। पुलिस और सेना उस पर करीब डेढ़ साल से निगरानी रखे हुए थी। SIT की नेतृत्व कर रहे एएसपी मनु व्यास के मुताबिक, शनिवार को वकार के करोंद स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से 80 वायरलेस और 2 रिपीटर जब्त किए गए हैं। रिपीटर का इस्तेमाल 100 किमी के एरिये में बातचीत के लिए होता है।
यह है पूरा मामला...
10 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल आगमन के ठीक 2 दिन पहले पुलिस ने भोपाल में संचालित 'डिफेंड सिक्योरिटी सर्विसेस' के चीफ वकार खान को गिरफ्तार किया था। उसके पास से अवैध रूप से इस्तेमाल किए जा रहे वायरलेस सेट जब्त किए थे। उसने वायरलेस सेट की फ्रिक्वेंसी सेना और पुलिस की फ्रिक्वेंसी से मैच कर रखी थी। इससे दोनों की गोपनीयता भंग हो गई थी। इस मामले की जांच के लिए 12 सदस्यीय SIT(स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया गया था। इसमें मिलिट्री इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और मप्र पुलिस के अफसर शामिल थे। यह टीम एएसपी मनु व्यास के निर्देशन में काम कर रही है।
मनु व्यास का कहना है कि वकार ने सेना और पुलिस की फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल किया है और वायरलेस सेट को नष्ट भी किया है।
9 वायरलेस सेट किए थे बरामद
हनुमानगंज थाना पुलिस का कहना था कि वायरलेस निरीक्षक केके त्रिपाठी ने एफआइआर दर्ज कराई थी। उनके अनुसार आरोपी के पास अनधिकृत 3 और वैध 6 वायरलेस सेट मिले थे। इसलिए उस पर 'इंडियन वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट' की धारा 3,6 के तहत एफआइआर(नंबर 485/15 ) दर्ज की गई थी। उसने अवैध 13 वायरलेस जलाकर नष्ट कर दिए थे। यह एजेंसी भोपाल टाकीज के समीप भोपाल प्लाजा से संचालित होती थी। वह नामी-गिरामी लोगों को सिक्योरिटी सेवा देती थी। इनमें भोपाल में आने वाली फिल्म सेलेब्रिटी भी शामिल रही हैं।
सेना, पुलिस, इंटेलीजेंस ने की पूछताछ
वकार को थाने में रखकर पूछताछ चली थी। संवेदनशील मामले में पुलिस और सेना के आला अधिकारी थाने में मौजूद रहे। वकार अभी 10 दिन की रिमांड पर है। उसके पुलिस, सेना और इंटेलीजेंस ब्यूरो, वकार से यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि गोपनीय सूचनाओं का इस्तेमाल उसने कहां और कैसे किया?
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भोपाल। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(SIT) ने प्रतिबंधित फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल करने वाले वकार खान के घर और आफिस से शनिवार को बड़ी संख्या में अवैध वायरलेस जब्त किए हैं। 'डिफेंड सिक्योरिटी सर्विसेस' के चीफ वकार खान को पुलिस ने 8 मई को पकड़ा था। पुलिस और सेना उस पर करीब डेढ़ साल से निगरानी रखे हुए थी। SIT की नेतृत्व कर रहे एएसपी मनु व्यास के मुताबिक, शनिवार को वकार के करोंद स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से 80 वायरलेस और 2 रिपीटर जब्त किए गए हैं। रिपीटर का इस्तेमाल 100 किमी के एरिये में बातचीत के लिए होता है।
यह है पूरा मामला...
10 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल आगमन के ठीक 2 दिन पहले पुलिस ने भोपाल में संचालित 'डिफेंड सिक्योरिटी सर्विसेस' के चीफ वकार खान को गिरफ्तार किया था। उसके पास से अवैध रूप से इस्तेमाल किए जा रहे वायरलेस सेट जब्त किए थे। उसने वायरलेस सेट की फ्रिक्वेंसी सेना और पुलिस की फ्रिक्वेंसी से मैच कर रखी थी। इससे दोनों की गोपनीयता भंग हो गई थी। इस मामले की जांच के लिए 12 सदस्यीय SIT(स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया गया था। इसमें मिलिट्री इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और मप्र पुलिस के अफसर शामिल थे। यह टीम एएसपी मनु व्यास के निर्देशन में काम कर रही है।
मनु व्यास का कहना है कि वकार ने सेना और पुलिस की फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल किया है और वायरलेस सेट को नष्ट भी किया है।
9 वायरलेस सेट किए थे बरामद
हनुमानगंज थाना पुलिस का कहना था कि वायरलेस निरीक्षक केके त्रिपाठी ने एफआइआर दर्ज कराई थी। उनके अनुसार आरोपी के पास अनधिकृत 3 और वैध 6 वायरलेस सेट मिले थे। इसलिए उस पर 'इंडियन वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट' की धारा 3,6 के तहत एफआइआर(नंबर 485/15 ) दर्ज की गई थी। उसने अवैध 13 वायरलेस जलाकर नष्ट कर दिए थे। यह एजेंसी भोपाल टाकीज के समीप भोपाल प्लाजा से संचालित होती थी। वह नामी-गिरामी लोगों को सिक्योरिटी सेवा देती थी। इनमें भोपाल में आने वाली फिल्म सेलेब्रिटी भी शामिल रही हैं।
सेना, पुलिस, इंटेलीजेंस ने की पूछताछ
वकार को थाने में रखकर पूछताछ चली थी। संवेदनशील मामले में पुलिस और सेना के आला अधिकारी थाने में मौजूद रहे। वकार अभी 10 दिन की रिमांड पर है। उसके पुलिस, सेना और इंटेलीजेंस ब्यूरो, वकार से यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि गोपनीय सूचनाओं का इस्तेमाल उसने कहां और कैसे किया?
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