भोपाल एयर पोर्ट हो रहे भ्रष्टाचार का एक खुलासा और देखिए। इसमें फीरोज खान, मोहम्मद वसीम और भोपाल एयर पोर्ट अथाारिटी शामिल हैं। खुलासा देखिए :-
1. भोपाल एयर पोर्ट पर 16 दैनिक वेतन भोगी हैलपर रखे हुए हैं। इन दैनिक वेतन भोगी हैलपरों को पहले कैजुअल हैलपर बताया गया। जबकि ये सारे कैजुअल हैं ही नहीं।
2. एयर पोर्ट अथाारिटी के नियमानुसार जो इस प्रकार कर्मी एयर पोर्ट पर कार्य करते हैं। उन्हें उनकी सालाना कमाई की 36% रोयलटी एयर पोर्ट अथाारिटी लेता है। तब जाकर कहीं उनका पास बन सकता है।
3. परंतु भोपाल एयर पोर्ट ऐसा नहीं हो रहा है, बिना रोयलटी लिए बनाए गए एयर पोर्ट पास फर्जी पास होते हैं। इस गोरखधंदे में मुख्य भूमिका फीरोज खान और मोहम्मद वसीम की है कि कैसे और किस सैटिंग से, बिना रोयलटी के इन लोगों के सालों से एयर पोर्ट पर पास बन रहे हैं। और दिल्ली मुख्यालय को और एयर पोर्ट मुख्यालय प्रबंधन को पता ही नहीं है। इससे सरकारी राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही बिना नियमों का पालन किए, और ऐसे स्थान पर जहाँ सुरक्षा मान दंडों का बहुत ही विशेष खयाल रखा जाना चाहिए। यहाँ किसी भी हादसे के होने का इंतजार किया जा रहा है।
अब एयर इंडिया प्रबंधन अपने भ्रष्ट अधिकारियों को और एयर पोर्ट अथाारिटी अपने भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लग जाएँगे। कोई कार्यवाही नहीं होगी। क्या यह मुद्दा भी गंभीर नहीं है।
1. जफरुददीन का फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी और परमोसन लेने का केस 2006 में आरंभ हुआ था। और सरे आम विभाग को कानून को धोखा देता रहा, बराएनाम केस चलाते रहे। दोषी साबित करते रहे और परमोसन देते रहे। और अपराधी अधिकारी अपना सारा हिसाब लेकर लाखों का कंपनी को चूना लगाकर आराम से बाइजजत रिटायरमेंट ली, डायरेक्टर आफ कमरसियल और रीजनल डायरेक्टर ने उसकी प्रशंसा की। यह कहा, क्योंकि आपकी संतोषजनक सर्विस रही है। इसलिए मानवता के आधार पर आपको छोड़ा जाता है। जिसने विभाग को, कानून को धोखा दिया। उसकी नौकरी संतोषजनक बताई गई और शुभकामनाएँ दी गईं। यह नजारा एयर इंडिया में ही देखा झा सकता है।
2. अब बारी है उसी ऑफिस में फीरोज खान की, जिसपर चार दोष हैं वो ये हैं :-
क. इसकी पदोन्नति फर्जी तरीके से हुई। जिसके सबूत हमने रोहित नंदन, सी एम डी को दिए।
ख. सन 2007 में जब इसने उप प्रबंधक से प्रबंधक बनने के लिए इंटरव्यू दिया। यह इंटरव्यू आज के महाप्रबंधक - वाणिज्य श्री पाठक जी ने लिया था। यह उसमें फेल हो गया था। फिर फेल उम्मीदवार का कैसे परमोसन किया।
ग. जब इसकी नियुक्ति यातायात सहायक के रूप में ग्वालियर में हुई थी। 1979 से 1982 तक रेगुलर नौकरी करते हुए ग्वालियर में रहा, फिर ठीक उसी समय में भोपाल कई बरकातुलला यूनिवर्सिटी से रेगुलर बी.ए. कैसे पास कर ली। विभाग ने इस गंभीर अनियमितता को भी अनदेखा कर दिया।
घ. उसके बाद यह अधिकारी और अनियमितता में रंगे हाथ पकड़ा गया। खुद एयर इंडिया की CVO, मैडम सुबबाराव ने भोपाल में इसके कमरे पर छापा मारा। जिसमें यह दोषी पाया गया। इसे chargsheeted किया गया। इसके बाद भी विभाग इनपर मेहरबान रहा और इसे अमृतसर स्थानांतरण कर दिया। यह अधिकारी जिसे बर्खास्त करना था। डेढ़ साल के बाद विनीता भंडारी ने इनके केस में अपना कमाल दिखाया और इसे वापस भोपाल बुलाकर। कुल चार महीने में तीन परमोसन देकर उप प्रबंधक ले ए जी एम बना दिया।
इन सभी सबूतों को अनदेखा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि यह जाली अधिकारी अगस्त 2015 में रिटायरमेंट हो रहा है, तो प्रबंधन हर मुमकीन कोशिश करते रहा है कि इनपर भी कोई कार्यवाही करने से पहले इसे भी बाइजजत, सम्मान से शुभकामनाएँ देकर रिटायरमेंट दे दें। हम बार बार पुख्ता सबूत दे रहे हैं। पर एयर इंडिया का प्रबंधन इसे भी पहले अधिकारी की तरह ही सम्मान से सारा हिसाब देंगे।
इनकी नजर में विभाग की बदनामी, विभाग की आर्थिक हानि, बार बार कंपनी की प्रतिष्ठा को चोट पहुँचना कोई माएने नहीं रखता। इन्हें जो भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं, कंपनी को नुकसान पहुँचारहे हैं उन्हें सम्मान और परमोसन देने हैं।
1. भोपाल एयर पोर्ट पर 16 दैनिक वेतन भोगी हैलपर रखे हुए हैं। इन दैनिक वेतन भोगी हैलपरों को पहले कैजुअल हैलपर बताया गया। जबकि ये सारे कैजुअल हैं ही नहीं।
2. एयर पोर्ट अथाारिटी के नियमानुसार जो इस प्रकार कर्मी एयर पोर्ट पर कार्य करते हैं। उन्हें उनकी सालाना कमाई की 36% रोयलटी एयर पोर्ट अथाारिटी लेता है। तब जाकर कहीं उनका पास बन सकता है।
3. परंतु भोपाल एयर पोर्ट ऐसा नहीं हो रहा है, बिना रोयलटी लिए बनाए गए एयर पोर्ट पास फर्जी पास होते हैं। इस गोरखधंदे में मुख्य भूमिका फीरोज खान और मोहम्मद वसीम की है कि कैसे और किस सैटिंग से, बिना रोयलटी के इन लोगों के सालों से एयर पोर्ट पर पास बन रहे हैं। और दिल्ली मुख्यालय को और एयर पोर्ट मुख्यालय प्रबंधन को पता ही नहीं है। इससे सरकारी राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही बिना नियमों का पालन किए, और ऐसे स्थान पर जहाँ सुरक्षा मान दंडों का बहुत ही विशेष खयाल रखा जाना चाहिए। यहाँ किसी भी हादसे के होने का इंतजार किया जा रहा है।
अब एयर इंडिया प्रबंधन अपने भ्रष्ट अधिकारियों को और एयर पोर्ट अथाारिटी अपने भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लग जाएँगे। कोई कार्यवाही नहीं होगी। क्या यह मुद्दा भी गंभीर नहीं है।
1. जफरुददीन का फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी और परमोसन लेने का केस 2006 में आरंभ हुआ था। और सरे आम विभाग को कानून को धोखा देता रहा, बराएनाम केस चलाते रहे। दोषी साबित करते रहे और परमोसन देते रहे। और अपराधी अधिकारी अपना सारा हिसाब लेकर लाखों का कंपनी को चूना लगाकर आराम से बाइजजत रिटायरमेंट ली, डायरेक्टर आफ कमरसियल और रीजनल डायरेक्टर ने उसकी प्रशंसा की। यह कहा, क्योंकि आपकी संतोषजनक सर्विस रही है। इसलिए मानवता के आधार पर आपको छोड़ा जाता है। जिसने विभाग को, कानून को धोखा दिया। उसकी नौकरी संतोषजनक बताई गई और शुभकामनाएँ दी गईं। यह नजारा एयर इंडिया में ही देखा झा सकता है।
2. अब बारी है उसी ऑफिस में फीरोज खान की, जिसपर चार दोष हैं वो ये हैं :-
क. इसकी पदोन्नति फर्जी तरीके से हुई। जिसके सबूत हमने रोहित नंदन, सी एम डी को दिए।
ख. सन 2007 में जब इसने उप प्रबंधक से प्रबंधक बनने के लिए इंटरव्यू दिया। यह इंटरव्यू आज के महाप्रबंधक - वाणिज्य श्री पाठक जी ने लिया था। यह उसमें फेल हो गया था। फिर फेल उम्मीदवार का कैसे परमोसन किया।
ग. जब इसकी नियुक्ति यातायात सहायक के रूप में ग्वालियर में हुई थी। 1979 से 1982 तक रेगुलर नौकरी करते हुए ग्वालियर में रहा, फिर ठीक उसी समय में भोपाल कई बरकातुलला यूनिवर्सिटी से रेगुलर बी.ए. कैसे पास कर ली। विभाग ने इस गंभीर अनियमितता को भी अनदेखा कर दिया।
घ. उसके बाद यह अधिकारी और अनियमितता में रंगे हाथ पकड़ा गया। खुद एयर इंडिया की CVO, मैडम सुबबाराव ने भोपाल में इसके कमरे पर छापा मारा। जिसमें यह दोषी पाया गया। इसे chargsheeted किया गया। इसके बाद भी विभाग इनपर मेहरबान रहा और इसे अमृतसर स्थानांतरण कर दिया। यह अधिकारी जिसे बर्खास्त करना था। डेढ़ साल के बाद विनीता भंडारी ने इनके केस में अपना कमाल दिखाया और इसे वापस भोपाल बुलाकर। कुल चार महीने में तीन परमोसन देकर उप प्रबंधक ले ए जी एम बना दिया।
इन सभी सबूतों को अनदेखा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि यह जाली अधिकारी अगस्त 2015 में रिटायरमेंट हो रहा है, तो प्रबंधन हर मुमकीन कोशिश करते रहा है कि इनपर भी कोई कार्यवाही करने से पहले इसे भी बाइजजत, सम्मान से शुभकामनाएँ देकर रिटायरमेंट दे दें। हम बार बार पुख्ता सबूत दे रहे हैं। पर एयर इंडिया का प्रबंधन इसे भी पहले अधिकारी की तरह ही सम्मान से सारा हिसाब देंगे।
इनकी नजर में विभाग की बदनामी, विभाग की आर्थिक हानि, बार बार कंपनी की प्रतिष्ठा को चोट पहुँचना कोई माएने नहीं रखता। इन्हें जो भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं, कंपनी को नुकसान पहुँचारहे हैं उन्हें सम्मान और परमोसन देने हैं।
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