गोलमाल है भाई सब गोलमाल
बोरीवली स्टेशन में टिकेट निकलते समय जो भी रददी पेपर निकलता है उस पेपर को हेड टी सी दवारा बेच दिया जाता है वो स्वयं जाकर नहीं बेचते उन्होंने रमेश आहूजा नाम के व्यक्ति को इस काम के लिए रक्खा है।रमेश दवारा हेड टी सी का नाम सिंह साहब बताया गया है ।रमेश का कहना है की वो प्रतिदिन करीब 50 या 100 किलो की रददी बेचता है तो आप हिसाब लगाओ को महीने के कितने पैसे का गोलमाल किया जा रहा है ।
रमेश ने 50 किलो रददी आज दिनाक 31/05/2015 को बेचीं है उसका 400 रूपये उसे मिले है प्रतिदिन का 400 ही पकड़ो तो महीने का 12000 रूपये होता है और साल का 140000 से भी अधिक होता है।ये सब रद्दी कार्टर रोड न 7 व कार्टर रोड न 8 में मौजूद रददी पेपर की दुकान पे बेचा जाता है एक दीं 7 न रोड पर तो एक दीं 8 न रोड पर बेच जाता है प्रतिदिन दुकान की अदलाबदली होती है ताकि कोई भी पकड़ न पाये। पैसे सरकारी खजाने में जमा किया जाता तो रेलवे के हालात कुछ और होते थे।
ये तो सिर्फ बोरीवली स्टेशन की बात है सभी स्टेशनो पर यदि होता होगा तो सोचो कितना गोलमाल हो रहा है चुने पे चुना रेलवे को लग रहा है यात्री भाड़े में बढ़ोतरी करनी पङ रही है सरकार को ।इसके आलावा भी बिना टिकेट यात्रा करने वाले यात्रीयो से 100 से 200 लेकर ऐसे ही छोड़ दिया जाता है।रेलवे पोलिस द्वारा हॉकेर्स से अनलिगल पैसे की उगाही की जा रही है । कहा है प्रसाशन भरष्टाचार मुक्त रेलवे का दम भरने वालो कहा हो जागो ।
हमारे द्वारा जो ऑडियो रिकॉर्ड किया गया है उसमे आप हमारे भाषा पर ध्यान ना दे चोरो से इसी तरह बात करनी पड़ती है ।
आपको ऑडियो के साथ कुछ तस्वीरे भी भेज रहा हूँ।
इस तस्वीर में राद्द्दी पेपर से भरा हुआ प्लास्टिक की गोनी व रमेश आहूजा की तस्वीर भी है।
ऍम ए मिश्रा
बोरीवली स्टेशन में टिकेट निकलते समय जो भी रददी पेपर निकलता है उस पेपर को हेड टी सी दवारा बेच दिया जाता है वो स्वयं जाकर नहीं बेचते उन्होंने रमेश आहूजा नाम के व्यक्ति को इस काम के लिए रक्खा है।रमेश दवारा हेड टी सी का नाम सिंह साहब बताया गया है ।रमेश का कहना है की वो प्रतिदिन करीब 50 या 100 किलो की रददी बेचता है तो आप हिसाब लगाओ को महीने के कितने पैसे का गोलमाल किया जा रहा है ।
रमेश ने 50 किलो रददी आज दिनाक 31/05/2015 को बेचीं है उसका 400 रूपये उसे मिले है प्रतिदिन का 400 ही पकड़ो तो महीने का 12000 रूपये होता है और साल का 140000 से भी अधिक होता है।ये सब रद्दी कार्टर रोड न 7 व कार्टर रोड न 8 में मौजूद रददी पेपर की दुकान पे बेचा जाता है एक दीं 7 न रोड पर तो एक दीं 8 न रोड पर बेच जाता है प्रतिदिन दुकान की अदलाबदली होती है ताकि कोई भी पकड़ न पाये। पैसे सरकारी खजाने में जमा किया जाता तो रेलवे के हालात कुछ और होते थे।
ये तो सिर्फ बोरीवली स्टेशन की बात है सभी स्टेशनो पर यदि होता होगा तो सोचो कितना गोलमाल हो रहा है चुने पे चुना रेलवे को लग रहा है यात्री भाड़े में बढ़ोतरी करनी पङ रही है सरकार को ।इसके आलावा भी बिना टिकेट यात्रा करने वाले यात्रीयो से 100 से 200 लेकर ऐसे ही छोड़ दिया जाता है।रेलवे पोलिस द्वारा हॉकेर्स से अनलिगल पैसे की उगाही की जा रही है । कहा है प्रसाशन भरष्टाचार मुक्त रेलवे का दम भरने वालो कहा हो जागो ।
हमारे द्वारा जो ऑडियो रिकॉर्ड किया गया है उसमे आप हमारे भाषा पर ध्यान ना दे चोरो से इसी तरह बात करनी पड़ती है ।
आपको ऑडियो के साथ कुछ तस्वीरे भी भेज रहा हूँ।
इस तस्वीर में राद्द्दी पेपर से भरा हुआ प्लास्टिक की गोनी व रमेश आहूजा की तस्वीर भी है।
ऍम ए मिश्रा
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