हिन्दी पत्रकारिता दिवस 30 मई 2015 पर पत्रकार भाइयों को कुछ लाइने समर्पित है 📷🎤
कलम के सिपाही हम सिर को न झुकाएँगे ।
वक्त आया तो कलम के लिए हम अपनी जां भी लुटा देंगे।।
कुर्बानियों से नाता कलमकार का बहुत पुराना है ।
कलम की हिफाजत में अपना सिर कटा देंगे।।
कलम ही तपस्या है कलम ही इबादद है ।
देश की हिफाजत में कलम को शमशीर हम बना देंगे।।
आओ लें शपथ आओ लें शपथ
जो भी हो जैसे भी हो दलालों को मिटा देंगे।।
: लिमटी खरे
कलम के सिपाही हम सिर को न झुकाएँगे ।
वक्त आया तो कलम के लिए हम अपनी जां भी लुटा देंगे।।
कुर्बानियों से नाता कलमकार का बहुत पुराना है ।
कलम की हिफाजत में अपना सिर कटा देंगे।।
कलम ही तपस्या है कलम ही इबादद है ।
देश की हिफाजत में कलम को शमशीर हम बना देंगे।।
आओ लें शपथ आओ लें शपथ
जो भी हो जैसे भी हो दलालों को मिटा देंगे।।
: लिमटी खरे
No comments:
Post a Comment