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भोपाल। कलियासोत डेम में परिजनों के साथ पिकनिक मनाने गई मप्र की महिला जूनियर नेशनल हॉकी खिलाड़ी बहनों के साथ पानी में डूब गई। मछुआरों ने तीन बहनों को तो किसी तरह बाहर निकाल लिया, लेकिन हॉकी खिलाड़ी का कुछ पता नहीं चला।
उन्होंने करीब 20 मिनट बाद उसे पानी से बाहर निकाला, तो उसकी सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। परिजनों के पोस्टमार्टम (पीएम) कराने से मना करने पर पुलिस ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की।
गुर्जर भवन, सेकंड स्टॉप निवासी दत्तू सोनवने लघु उद्योग निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। रविवार अपरा- करीब साढ़े तीन बजे उनकी बेटियां सुनीता, विनीता, वैशाली, सोनल और मोना परिजनों के साथ कलियासोत डेम तेरह गेट के पास बने मंदिर के पीछे पिकनिक मनाने पहुंचीं। मोना (16) जूनियर नेशनल हॉकी खिलाड़ी थी। सामान रखने के बाद सुनीता, विनीता, वैशाली और मोना पानी के बीच पत्थर पर हाथ पकड़कर पानी में उतर गईं। कुछ ही देर बाद चारों बहनें पानी में डूबने लगीं।
इस बीच मोना का हाथ छूट गया और वह गहराई में चली गई। परिजनों की चीख सुनकर आसपास के मछुआरों ने किसी तरह लंगर डालकर सुनीता, विनीता और वैशाली को बचा लिया, लेकिन मोना का कुछ पता नहीं चला। सूचना मिलते ही चूनाभट्टी थाने के एएसआई यशवंत सिंह ने मौके पर पहुंचकर पानी में छलांग लगा दी।
उन्होंने मोना को काफी तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं लगा। करीब 20 मिनट बाद गोताखोरों की मदद से जब मोना को निकाला तो उसकी सांसें चल रही थी, लेकिन 108 एंबुलेंस से अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में उसकी मौत हो गई। परिजनों के पीएम नहीं कराने की इच्छा जताने के बाद पुलिस ने शव परिजनों को ही सौंप दिया।
मां की साड़ी भी नहीं बचा पाई बेटी की जान
बेटी को डूबता देख किनारे पर बैठी मां और बुआ चीखने लगीं। आसपास के मछुआरे मदद के लिए आए, लेकिन गहराई अधिक होने के कारण कोई भी कूदने की हिम्मत नहीं कर पाया। इस बीच मोना की मां नर्मदा ने अपनी साड़ी उतारकर मछुआरों को दे दी। लोगों ने मछली पकड़ने वाले लंगर की मदद से साड़ी को पानी में फेंककर सुनीता, विनीता और वैशाली को बचा लिया, लेकिन जब उन्होंने दोबारा साड़ी फेंकी तो मोना का कुछ पता नहीं था।
...और मोना हार गई जिंदगी की जंग
पानी के भीतर 20 मिनट तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद जब मोना को बाहर निकाला गया, तो उसकी नाक और मुंह से खून निकल रहा था। पर उसकी सांसें चलती देख सभी की जान में जान आई। लेकिन अस्पताल तक पहुंचने से पहले मोना जिंदगी की जंग हार गई। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मोना और सोनल कर रही थीं पिकनिक की जिद
सुनीता ने बताया कि विनीता और वैशाली की शादी हो चुकी है। वैशाली के इंदौर से छुट्टी पर आने के कारण सभी बहनें अपने घर पर एक साथ थीं। सोनल 12वीं और मोना ने 11वीं की परीक्षा इसी साल कमला नेहरू स्कूल से पास की थी। दोनों ही दो दिन से पिकनिक मनाने की के लिए जिद कर रही थीं। मोना का कहना था कि अगर आज पिकनिक नहीं गए, तो वैशाली दीदी चली जाएंगी। उनकी जिद पर ही उन्होंने सबके साथ कलियासोत डेम जाने का निर्णय लिया था।
किसी को भी नहीं आता था तैरना
मोना पिछले दिनों छत्तीसगढ़ से जूनियर महिला हॉकी टूर्नामेंट खेलकर लौटी थी। वह पढ़ाई में भी अच्छी थी। सुनीता ने बताया कि उनमें से किसी को भी तैरना नहीं आता था, वे तो हाथ पकड़कर पानी में पैर डालकर बैठी थीं।
पुलिस कंट्रोल रूम को मिली थी सूचना
रातीबड़ पुलिस के मुताबिक पुलिस कंट्रोल रूम को सबसे पहले घटना की सूचना किसी ने दी थी। सूचना मिलते ही चूनाभट्टी थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। उन्होंने ही बच्ची को पानी से बाहर निकालकर अस्पताल भेजा था। रातीबड़ पुलिस बंसल अस्पताल की सूचना पर हमीदिया अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां परिजन शव नहीं ले गए।
मोना खेलने और पढ़ने में होशियार थी। वह पांचवी से ही हॉकी खेल रही थी। हम हमेशा ही साथ ही रहते थे। पहली बार ऐसा हुआ कि हम साथ में नहीं गए थे। -कविता विश्वकर्मा, साथी खिलाड़ी
बंसल अस्पताल से परिजनों के हमीदिया अस्पताल मर्चुरी आने की सूचना मिली थी, लेकिन कोई नहीं आया। उन्होंने अस्पताल में पीएम नहीं कराने की बात कही थी। अब उनके घर जाकर जानकारी लेकर परिजनों से बातचीत करेंगे। -हरगोविंद सिंह, एसआई, रातीबड़ थाना
भोपाल। कलियासोत डेम में परिजनों के साथ पिकनिक मनाने गई मप्र की महिला जूनियर नेशनल हॉकी खिलाड़ी बहनों के साथ पानी में डूब गई। मछुआरों ने तीन बहनों को तो किसी तरह बाहर निकाल लिया, लेकिन हॉकी खिलाड़ी का कुछ पता नहीं चला।
उन्होंने करीब 20 मिनट बाद उसे पानी से बाहर निकाला, तो उसकी सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। परिजनों के पोस्टमार्टम (पीएम) कराने से मना करने पर पुलिस ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की।
गुर्जर भवन, सेकंड स्टॉप निवासी दत्तू सोनवने लघु उद्योग निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। रविवार अपरा- करीब साढ़े तीन बजे उनकी बेटियां सुनीता, विनीता, वैशाली, सोनल और मोना परिजनों के साथ कलियासोत डेम तेरह गेट के पास बने मंदिर के पीछे पिकनिक मनाने पहुंचीं। मोना (16) जूनियर नेशनल हॉकी खिलाड़ी थी। सामान रखने के बाद सुनीता, विनीता, वैशाली और मोना पानी के बीच पत्थर पर हाथ पकड़कर पानी में उतर गईं। कुछ ही देर बाद चारों बहनें पानी में डूबने लगीं।
इस बीच मोना का हाथ छूट गया और वह गहराई में चली गई। परिजनों की चीख सुनकर आसपास के मछुआरों ने किसी तरह लंगर डालकर सुनीता, विनीता और वैशाली को बचा लिया, लेकिन मोना का कुछ पता नहीं चला। सूचना मिलते ही चूनाभट्टी थाने के एएसआई यशवंत सिंह ने मौके पर पहुंचकर पानी में छलांग लगा दी।
उन्होंने मोना को काफी तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं लगा। करीब 20 मिनट बाद गोताखोरों की मदद से जब मोना को निकाला तो उसकी सांसें चल रही थी, लेकिन 108 एंबुलेंस से अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में उसकी मौत हो गई। परिजनों के पीएम नहीं कराने की इच्छा जताने के बाद पुलिस ने शव परिजनों को ही सौंप दिया।
मां की साड़ी भी नहीं बचा पाई बेटी की जान
बेटी को डूबता देख किनारे पर बैठी मां और बुआ चीखने लगीं। आसपास के मछुआरे मदद के लिए आए, लेकिन गहराई अधिक होने के कारण कोई भी कूदने की हिम्मत नहीं कर पाया। इस बीच मोना की मां नर्मदा ने अपनी साड़ी उतारकर मछुआरों को दे दी। लोगों ने मछली पकड़ने वाले लंगर की मदद से साड़ी को पानी में फेंककर सुनीता, विनीता और वैशाली को बचा लिया, लेकिन जब उन्होंने दोबारा साड़ी फेंकी तो मोना का कुछ पता नहीं था।
...और मोना हार गई जिंदगी की जंग
पानी के भीतर 20 मिनट तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद जब मोना को बाहर निकाला गया, तो उसकी नाक और मुंह से खून निकल रहा था। पर उसकी सांसें चलती देख सभी की जान में जान आई। लेकिन अस्पताल तक पहुंचने से पहले मोना जिंदगी की जंग हार गई। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मोना और सोनल कर रही थीं पिकनिक की जिद
सुनीता ने बताया कि विनीता और वैशाली की शादी हो चुकी है। वैशाली के इंदौर से छुट्टी पर आने के कारण सभी बहनें अपने घर पर एक साथ थीं। सोनल 12वीं और मोना ने 11वीं की परीक्षा इसी साल कमला नेहरू स्कूल से पास की थी। दोनों ही दो दिन से पिकनिक मनाने की के लिए जिद कर रही थीं। मोना का कहना था कि अगर आज पिकनिक नहीं गए, तो वैशाली दीदी चली जाएंगी। उनकी जिद पर ही उन्होंने सबके साथ कलियासोत डेम जाने का निर्णय लिया था।
किसी को भी नहीं आता था तैरना
मोना पिछले दिनों छत्तीसगढ़ से जूनियर महिला हॉकी टूर्नामेंट खेलकर लौटी थी। वह पढ़ाई में भी अच्छी थी। सुनीता ने बताया कि उनमें से किसी को भी तैरना नहीं आता था, वे तो हाथ पकड़कर पानी में पैर डालकर बैठी थीं।
पुलिस कंट्रोल रूम को मिली थी सूचना
रातीबड़ पुलिस के मुताबिक पुलिस कंट्रोल रूम को सबसे पहले घटना की सूचना किसी ने दी थी। सूचना मिलते ही चूनाभट्टी थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। उन्होंने ही बच्ची को पानी से बाहर निकालकर अस्पताल भेजा था। रातीबड़ पुलिस बंसल अस्पताल की सूचना पर हमीदिया अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां परिजन शव नहीं ले गए।
मोना खेलने और पढ़ने में होशियार थी। वह पांचवी से ही हॉकी खेल रही थी। हम हमेशा ही साथ ही रहते थे। पहली बार ऐसा हुआ कि हम साथ में नहीं गए थे। -कविता विश्वकर्मा, साथी खिलाड़ी
बंसल अस्पताल से परिजनों के हमीदिया अस्पताल मर्चुरी आने की सूचना मिली थी, लेकिन कोई नहीं आया। उन्होंने अस्पताल में पीएम नहीं कराने की बात कही थी। अब उनके घर जाकर जानकारी लेकर परिजनों से बातचीत करेंगे। -हरगोविंद सिंह, एसआई, रातीबड़ थाना
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