अब पीएम मोदी के पास चले गए है अरविंद केजरीवाल दरअसल उपराज्यपाल के खिलाफ अपनी जंग को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उनसे कहा कि शहर की सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए। इसके साथ ही केजरीवाल ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली का प्रशासन चलाने की कोशिश कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा की गई तैनातियों और स्थानांतरणों का जिक्र किया और कहा कि चयनित सरकार के पास वरिष्ठ अधिकारियों को काम बांटने के बारे में अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए। मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा, दिल्ली मे, केंद्र सरकार असंवैधानिक ढंग से उपराज्यपाल के माध्यम से सरकार चलाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दीजिए।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखे जाने से पहले कल केजरीवाल और जंग अपनी इस लड़ाई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास लेकर गए थे। दोनों ने ही एक दूसरे पर संविधान के उल्लंघन और अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों को लांघने का आरोप लगाया। उपराज्यपाल यह कहते रहे हैं कि उन्हें नौकरशाहों को नियुक्त करने और उनका स्थानांतरण करने का अधिकार है और उनका कोई भी कदम असंवैधानिक नहीं है, जैसा कि आप सरकार द्वारा आरोप लगाया जा रहा है।
केजरीवाल ने कल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। सिसोदिया ने कहा, उपराज्यपाल कुछ इस तरह काम कर रहे है, मानो राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है और यहां कोई चुनी हुई सरकार है ही नही। उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार होने के बावजूद वह (उप राज्यपाल) मुख्यमंत्री और मंत्रियों को दरकिनार करते हुए अधिकारियों को निर्देश जारी कर रहे है। यहां तक कि वे अधिकारियों को उनके आदेश नहीं मानने पर स्थानांतरण की धमकी भी दे रहे है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
मुखर्जी से मुलाकात करने के बाद सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, हमने राष्ट्रपति को बता दिया है कि हमने उपराज्यपाल के उस फैसले को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने हमसे विचार-विमर्श किए बिना ही कार्यवाहक प्रमुख सचिव नियुक्त करने का निर्णय ले लिया था। लेकिन उसके बाद भी वह चुनी हुई सरकार को दरकिनार करते हुए अधिकारियों की नियुक्ति करते आए हैं। यहां तक कि वह सचिवों की नियुक्ति में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं और सीधे तौर पर उन्हें आदेश दे रहे है। ऐसे में लोकतंत्र कहां है।
जंग ने कल गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की थी और उन्हें आप सरकार के साथ अपने गतिरोध के बारे में बताया था। शकुंतला गैमलिन को दिल्ली में कार्यवाहक प्रमुख सचिव पद पर नियुक्त किए जाने पर उत्पन्न हुआ विवाद आप सरकार और जंग के बीच एक युद्ध में तब्दील हो गया है। केजरीवाल का आरोप है कि उपराज्यपाल प्रशासन को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल के कड़े विरोध के बावजूद जंग ने गैमलिन को शुक्रवार को पद पर नियुक्त कर दिया था।
इस पूरे मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह आज राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। विवाद के बीच सीएम केजरीवाल से झगड़े को लेकर नजीब जंग ने राष्ट्रपति से मिलकर उनके सामने अपना पक्ष रखा, वहीँ शाम को केजरीवाल ने भी राष्ट्रपति से मिलकर उनसे अपनी बात बताई।
वहीं, अफसरों की नियुक्ति को लकर चल रहे विवाद के बीच आज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि कुछ टीवी चैनल खबर चला रहे हैं कि 45 अफसर विरोध में छुट्टी पर चले गए हैं। दिल्ली सरकार के पास तो किसी अफसर की छुट्टी का ऐसा एक भी आवेदन नहीं आया है। अगर चैनलों के पास अफसरों ने छुट्टी के लिए आवेदन किया है, तो हमें भेज दें ताकि हम उस पर निर्णय ले सकें।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच बढ़ी तकरार की पृष्ठभूमि में आज उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी वरिष्ठ नौकरशाहों की बैठक बुलाई थी, लेकिन बैठक से ठीक पहले अनिंदो मजूमदार ने छुट्टी ले ली। अनिंदो मजूमदार को कार्यवाहक सचिव शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति का आदेश जारी करने की वजह से दिल्ली सरकार ने पद से हटा दिया था, बाद में उन्हें उप राज्यपाल ने बहाल कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक़, इस बैठक में सभी विभागों के प्रमुख, सचिव और प्रधान सचिवों को हिस्सा लेना था। माना जा रहा है कि इस दौरान अफसरों को दिल्ली सरकार के मुताबिक काम करने के निर्देश दिए जाने थे। सरकार का यह कदम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विभाग प्रमुखों को इस बात का आदेश जारी करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें उनसे कहा गया था कि एलजी या उनके कार्यालय से आने वाले किसी भी मौखिक या लिखित निर्देश का पालन करने से पहले उन्हें या संबद्ध मंत्री को सूचित करे।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा की गई तैनातियों और स्थानांतरणों का जिक्र किया और कहा कि चयनित सरकार के पास वरिष्ठ अधिकारियों को काम बांटने के बारे में अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए। मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा, दिल्ली मे, केंद्र सरकार असंवैधानिक ढंग से उपराज्यपाल के माध्यम से सरकार चलाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दीजिए।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखे जाने से पहले कल केजरीवाल और जंग अपनी इस लड़ाई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास लेकर गए थे। दोनों ने ही एक दूसरे पर संविधान के उल्लंघन और अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों को लांघने का आरोप लगाया। उपराज्यपाल यह कहते रहे हैं कि उन्हें नौकरशाहों को नियुक्त करने और उनका स्थानांतरण करने का अधिकार है और उनका कोई भी कदम असंवैधानिक नहीं है, जैसा कि आप सरकार द्वारा आरोप लगाया जा रहा है।
केजरीवाल ने कल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। सिसोदिया ने कहा, उपराज्यपाल कुछ इस तरह काम कर रहे है, मानो राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है और यहां कोई चुनी हुई सरकार है ही नही। उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार होने के बावजूद वह (उप राज्यपाल) मुख्यमंत्री और मंत्रियों को दरकिनार करते हुए अधिकारियों को निर्देश जारी कर रहे है। यहां तक कि वे अधिकारियों को उनके आदेश नहीं मानने पर स्थानांतरण की धमकी भी दे रहे है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
मुखर्जी से मुलाकात करने के बाद सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, हमने राष्ट्रपति को बता दिया है कि हमने उपराज्यपाल के उस फैसले को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने हमसे विचार-विमर्श किए बिना ही कार्यवाहक प्रमुख सचिव नियुक्त करने का निर्णय ले लिया था। लेकिन उसके बाद भी वह चुनी हुई सरकार को दरकिनार करते हुए अधिकारियों की नियुक्ति करते आए हैं। यहां तक कि वह सचिवों की नियुक्ति में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं और सीधे तौर पर उन्हें आदेश दे रहे है। ऐसे में लोकतंत्र कहां है।
जंग ने कल गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की थी और उन्हें आप सरकार के साथ अपने गतिरोध के बारे में बताया था। शकुंतला गैमलिन को दिल्ली में कार्यवाहक प्रमुख सचिव पद पर नियुक्त किए जाने पर उत्पन्न हुआ विवाद आप सरकार और जंग के बीच एक युद्ध में तब्दील हो गया है। केजरीवाल का आरोप है कि उपराज्यपाल प्रशासन को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल के कड़े विरोध के बावजूद जंग ने गैमलिन को शुक्रवार को पद पर नियुक्त कर दिया था।
इस पूरे मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह आज राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। विवाद के बीच सीएम केजरीवाल से झगड़े को लेकर नजीब जंग ने राष्ट्रपति से मिलकर उनके सामने अपना पक्ष रखा, वहीँ शाम को केजरीवाल ने भी राष्ट्रपति से मिलकर उनसे अपनी बात बताई।
वहीं, अफसरों की नियुक्ति को लकर चल रहे विवाद के बीच आज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि कुछ टीवी चैनल खबर चला रहे हैं कि 45 अफसर विरोध में छुट्टी पर चले गए हैं। दिल्ली सरकार के पास तो किसी अफसर की छुट्टी का ऐसा एक भी आवेदन नहीं आया है। अगर चैनलों के पास अफसरों ने छुट्टी के लिए आवेदन किया है, तो हमें भेज दें ताकि हम उस पर निर्णय ले सकें।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच बढ़ी तकरार की पृष्ठभूमि में आज उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी वरिष्ठ नौकरशाहों की बैठक बुलाई थी, लेकिन बैठक से ठीक पहले अनिंदो मजूमदार ने छुट्टी ले ली। अनिंदो मजूमदार को कार्यवाहक सचिव शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति का आदेश जारी करने की वजह से दिल्ली सरकार ने पद से हटा दिया था, बाद में उन्हें उप राज्यपाल ने बहाल कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक़, इस बैठक में सभी विभागों के प्रमुख, सचिव और प्रधान सचिवों को हिस्सा लेना था। माना जा रहा है कि इस दौरान अफसरों को दिल्ली सरकार के मुताबिक काम करने के निर्देश दिए जाने थे। सरकार का यह कदम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विभाग प्रमुखों को इस बात का आदेश जारी करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें उनसे कहा गया था कि एलजी या उनके कार्यालय से आने वाले किसी भी मौखिक या लिखित निर्देश का पालन करने से पहले उन्हें या संबद्ध मंत्री को सूचित करे।
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