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मुंबई- मोदी सरकार को सत्ता संभालने के बाद से एक साल के अंदर 27 मई 2015 तक भारत के अरबपति इंडस्ट्रियलिस्ट गौतम अडानी की संपत्ति 48 फीसदी बढ़ी है। उनकी संपत्ति 8.1 बिलियन डॉलर करीब 51,600 करोड़ रुपये हो गई है।
ब्लूमबर्ग के अरबपति इंडेक्स में जिन सात भारतीय अरबपतियों को शामिल किया गया है, उनमें अडानी की नेट संपत्ति में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है।
दौलत में इजाफे के लिहाज से उन्होंने सन फार्मा के दिलीप सांघवी, एचसीएल के शिव नाडर, आर्सेलर मित्तल के प्रमुख एल.एन.मित्तल और विप्रो के अजीम प्रेमजी को पीछे छोड़ दिया है। लेकिन, इस दौरान भारत के सबसे धनी व्यक्ति और टॉप अरबपति मुकेश अंबानी एवं निर्माण जगत के दिग्गज पालोंजी मिस्त्री के नेट धन में गिरावट दर्ज की गई है।
फाइनैंशल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 52 वर्षीय अडानी की संपत्ति में करीब 3 अरब डॉलर यानी 19,000 करोड़ रुपये का इजाफा ट्रेडिंग, पावर, पोर्ट्स और खाद्य तेल के क्षेत्र में चलने वाली उनकी कंपनियों के शेयर बढ़ने से हुआ है।
इसका इन बात से भी बहुत लेना-देना है कि अडानी पिछले साल से संपत्तियों की खरीददारी में लगे हुए हैं। उन्होंने टाटा ग्रुप से धमरा पोर्ट 900 मिलियन डॉलर यानी 5,700 करोड़ रुपये में खरीदा और लांको इंफ्राटेक के उडुपी पावर प्लांट के लिए 1 बिलियन डॉलर यानी 6,300 करोड़ रुपये अदा करने के लिए सहमति जताई है।
देश के अरबपतियों की दौलत में इजाफे का असर मार्केट्स के ग्रोथ में भी देखने को मिला है। अनुमान है कि स्टॉक मार्केट में पिछले 12 महीनों में संपत्ति 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इस दौरान जहां कुछ कंपनियों जैसे टाटा, अडानी ग्रुप और भारतीय एयरटेल को जबर्दस्त फायदा हुआ है वहीं अंबानी ग्रुप की दो कंपनियों को नुकसान हुआ है।
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री की मार्केट वैल्यू में 79,000 करोड़ से 290,000 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई है। इसका बड़ा कारण आरआईएल के शेयर मूल्य में करीब 20 फीसदी गिरावट को माना जा रहा है। अनिल अंबानी के रिलायांस एडीएजी ग्रुप की मार्केट वैल्यू में करीब 50,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। वेदांता ग्रुप की मार्केट वैल्यू में 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट हुई है।
मुंबई- मोदी सरकार को सत्ता संभालने के बाद से एक साल के अंदर 27 मई 2015 तक भारत के अरबपति इंडस्ट्रियलिस्ट गौतम अडानी की संपत्ति 48 फीसदी बढ़ी है। उनकी संपत्ति 8.1 बिलियन डॉलर करीब 51,600 करोड़ रुपये हो गई है।
ब्लूमबर्ग के अरबपति इंडेक्स में जिन सात भारतीय अरबपतियों को शामिल किया गया है, उनमें अडानी की नेट संपत्ति में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है।
दौलत में इजाफे के लिहाज से उन्होंने सन फार्मा के दिलीप सांघवी, एचसीएल के शिव नाडर, आर्सेलर मित्तल के प्रमुख एल.एन.मित्तल और विप्रो के अजीम प्रेमजी को पीछे छोड़ दिया है। लेकिन, इस दौरान भारत के सबसे धनी व्यक्ति और टॉप अरबपति मुकेश अंबानी एवं निर्माण जगत के दिग्गज पालोंजी मिस्त्री के नेट धन में गिरावट दर्ज की गई है।
फाइनैंशल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 52 वर्षीय अडानी की संपत्ति में करीब 3 अरब डॉलर यानी 19,000 करोड़ रुपये का इजाफा ट्रेडिंग, पावर, पोर्ट्स और खाद्य तेल के क्षेत्र में चलने वाली उनकी कंपनियों के शेयर बढ़ने से हुआ है।
इसका इन बात से भी बहुत लेना-देना है कि अडानी पिछले साल से संपत्तियों की खरीददारी में लगे हुए हैं। उन्होंने टाटा ग्रुप से धमरा पोर्ट 900 मिलियन डॉलर यानी 5,700 करोड़ रुपये में खरीदा और लांको इंफ्राटेक के उडुपी पावर प्लांट के लिए 1 बिलियन डॉलर यानी 6,300 करोड़ रुपये अदा करने के लिए सहमति जताई है।
देश के अरबपतियों की दौलत में इजाफे का असर मार्केट्स के ग्रोथ में भी देखने को मिला है। अनुमान है कि स्टॉक मार्केट में पिछले 12 महीनों में संपत्ति 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इस दौरान जहां कुछ कंपनियों जैसे टाटा, अडानी ग्रुप और भारतीय एयरटेल को जबर्दस्त फायदा हुआ है वहीं अंबानी ग्रुप की दो कंपनियों को नुकसान हुआ है।
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री की मार्केट वैल्यू में 79,000 करोड़ से 290,000 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई है। इसका बड़ा कारण आरआईएल के शेयर मूल्य में करीब 20 फीसदी गिरावट को माना जा रहा है। अनिल अंबानी के रिलायांस एडीएजी ग्रुप की मार्केट वैल्यू में करीब 50,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। वेदांता ग्रुप की मार्केट वैल्यू में 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट हुई है।
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