मैगी पर फैसला 1 को, इंदौर में भी 6 सैंपलों की जांच होगी एफएसएसएआई की बैठक में तय होगा मैगी का भविष्य ..........
भोपाल । मैगी पर पूरे देश में प्रतिबंध लग सकता है। एफएसएसएआई (फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) 1 जून को मैगी को लेकर दिल्ली में बैठक आयोजित करने जा रही है। इसमें देश भर से आए मैगी के सैंपल की जांच रिपोर्ट पर चर्चा होगी। अगर सैंपलों में लेड व मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा पाई गई, तो इस पर प्रतिबंध लग सकता है
प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी एफएसएसएआई के निर्देश के बाद मैगी के 6 सैंपलों की
जांच इंदौर की चौकसे लैब में करवाई है। इनकी जांच रिपोर्ट शनिवार तक आने की उम्मीद है। सैंपल की रिपोर्ट 1 जून
को एफएसएसएआई की बैठक में रखा जाएगा। इसमें
देश भर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के
अधिकारी मौजूद रहेंगे।
रिपोर्ट में अगर साबित होता कि मैगी में लेड
और मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा
खतरनाक स्तर तक मौजूद है, तो एफएसएसएआई मैगी
की बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकती है। देश के
कुछ राज्यों ने मैगी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा
दिया है। मैगी के बारे में शिकायतें मिलीं थीं
कि इसमें है। लेड के सेवन से किडनी फैल्युअर व कैंसर
हो सकता है। मोनोसोडियम ग्लूटामेट की
अधिक मात्रा भी खतरनाक साबित होती है।
इन फ्लेवर के लिए हैं नमूने
लेड व मोनोसोडियम ग्लूटामेट जैसे पदार्थों की
जांच की व्यवस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन
की ईदगाह हिल्स स्थित लैब में नहीं है। इसलिए
इनकी जांच इंदौर की एक प्राईवेट लैब में करवाई
जा रही है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों से मैगी
मसाला, मैगी ओट, मैगी आटा व मैगी जनरल के
सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
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भोपाल । मैगी पर पूरे देश में प्रतिबंध लग सकता है। एफएसएसएआई (फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) 1 जून को मैगी को लेकर दिल्ली में बैठक आयोजित करने जा रही है। इसमें देश भर से आए मैगी के सैंपल की जांच रिपोर्ट पर चर्चा होगी। अगर सैंपलों में लेड व मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा पाई गई, तो इस पर प्रतिबंध लग सकता है
प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी एफएसएसएआई के निर्देश के बाद मैगी के 6 सैंपलों की
जांच इंदौर की चौकसे लैब में करवाई है। इनकी जांच रिपोर्ट शनिवार तक आने की उम्मीद है। सैंपल की रिपोर्ट 1 जून
को एफएसएसएआई की बैठक में रखा जाएगा। इसमें
देश भर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के
अधिकारी मौजूद रहेंगे।
रिपोर्ट में अगर साबित होता कि मैगी में लेड
और मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा
खतरनाक स्तर तक मौजूद है, तो एफएसएसएआई मैगी
की बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकती है। देश के
कुछ राज्यों ने मैगी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा
दिया है। मैगी के बारे में शिकायतें मिलीं थीं
कि इसमें है। लेड के सेवन से किडनी फैल्युअर व कैंसर
हो सकता है। मोनोसोडियम ग्लूटामेट की
अधिक मात्रा भी खतरनाक साबित होती है।
इन फ्लेवर के लिए हैं नमूने
लेड व मोनोसोडियम ग्लूटामेट जैसे पदार्थों की
जांच की व्यवस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन
की ईदगाह हिल्स स्थित लैब में नहीं है। इसलिए
इनकी जांच इंदौर की एक प्राईवेट लैब में करवाई
जा रही है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों से मैगी
मसाला, मैगी ओट, मैगी आटा व मैगी जनरल के
सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
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